लता जी का अवसान नाद का ब्रह्म में विलीन होना है- बोराणा
जोधपुर,कला मर्मज्ञ व राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के पूर्व अध्यक्ष रमेश बोराणा ने देश की महान गायिका लताजी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भारत रत्न, स्वर सम्राज्ञी श्रद्धेय लता मंगेशकर का निधन आत्मा से परमात्मा का मिलन व नाद का ब्रह्म में विलीन होना है।
बोराणा ने कहा कि लता जी विश्व की अमूल्य धरोहर थी, उन्होंने अपनी सुमधुर व कर्णप्रिय आवाज़ से 80 वर्षो तक लोगों को अमृतरस पान करवाते हुए दुनियां को शुकुन प्रदान किया है। बोराणा ने कहा कि लताजी ने राजस्थानी भाषा में भी अनेक गीत गाये हैं, विशेष रूप से मीरा के पदों को उन्होंने जीवंतता प्रदान की है। लताजी जैसी शख्सियतें ईश्वर की सौगात होती हैं जो कभी-कभी ही पैदा होती है। हमें गर्व है कि लताजी ने भारत में जन्म लिया और हमने उनको देखा है। लताजी अपनी जादुई आवाज़ से सदा अजर अमर रहेगी। हमारी उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि।
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