प्रथम विश्वध्यान दिवस पर विश्व रिकॉर्ड का प्रयास सराहनीय-
परमार्थ देव
- ध्यान मनुष्य के मस्तिष्क,स्वास्थ्य एवं समग्र कल्याण के लिए उपयोगी-प्रो प्रजापति
- हजारों प्रतिभागियों ने बनाया सामूहिक ध्यान का विश्व कीर्तिमान
- अभियान में आईआईटी,निफ्ट,एस एलबीएस,नर्सिंग इंस्टिट्यूट शामिल
- सामूहिक ध्यान से आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने रचा इतिहास
- आयुर्वेद विवि में मनाया प्रथम विश्व ध्यान दिवस
जोधपुर,प्रथम विश्वध्यान दिवस पर विश्व रिकॉर्ड का प्रयास सराहनीय-परमार्थ देव। डॉ.सर्वपल्ली राधा कृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय में शनिवार को प्रथम विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर संविधान पार्क में सामूहिक ध्यान के माध्यम से एक ऐतिहासिक विश्व कीर्तिमान का सफल दावा प्रस्तुत किया गया।
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इस अवसर पर कुलपति प्रो.(वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें हजारों प्रतिभागियों ने अर्धपद्मासन में ध्यान का अभ्यास कर इस उपलब्धि को साकार किया। 30 मिनट तक लगातार ध्यान का अभ्यास किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पतंजलि योगपीठ के स्वामी डॉ परमार्थ देव थे। उन्होंने जनसमूह को ध्यान का अभ्यास करवाया। उन्होंने इसके मनोदैहिक लाभों पर प्रकाश डाला।उन्होंने कहा कि ध्यान न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि यह तनाव,अनिद्रा और मानसिक असंतुलन जैसी बीमारियों से भी बचाव करता है। नियमित ध्यान के अभ्यास से व्यक्ति अपनी आंतरिक शक्ति को पहचान सकता है और जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जा सकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो.(वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति ने कहा ध्यान भारतीय संस्कृति और योग परंपरा का अभिन्न अंग है। आज का यह विश्व कीर्तिमान हमें ध्यान के महत्व को जन-जन तक पहुँचाने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने ध्यान को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने का आग्रह किया जिससे मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ हो।
इस आयोजन में लक्ष्य पर्यावरण एवं जन कल्याण संस्थान जोधपुर के सचिव राकेश निहाल,आर्मी कोणार्क से सूबेदार गजानंद, पतंजलि किसान सेवा समिति के राज्य प्रभारी करणा राम चौधरी,सोशल मीडिया राज्य प्रभारी दिलीप कुमार तिवारी,योगा बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के सीईओ राकेश भारद्वाज,विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव एवं प्राचार्य प्रो. गोविंद सहाय शुक्ल,प्राचार्य पीजी आई प्रो.महेंद्र शर्मा और अन्य लोग उपस्थित थे।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के आंगिक महाविद्यालयों के अलावा आईआईटी जोधपुर,आर्मी कोणार्क,एसएलबीएस महाविद्यालय, आयुर्वेद नर्सिंग मंगला पूंजला और विभिन्न संस्थानों के प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। मंच संचालन क्रिया शारीर विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ दिनेश चंद्र शर्मा ने किया। कार्यक्रम के अंत में योग नेचुरोपैथी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ चंद्रभान शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।