जोधपुर, ग्यारहवीं बी रोड सरदारपुरा निवासी 85 वर्षीय सुरेंद्र सिंह सोलंकी का आज प्रातः मथुरादास माथुर अस्पताल में बीमारी से निधन हो गया।
निधन के पश्चात उनकी पत्नी कुसुमलता सोलंकी, पुत्र जितेंद्र कुमार सोलंकी, धर्मेंद्र सिंह सोलंकी, पुत्री दीपमाला मकवाना ने डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज व देहदान काउंसलर मनोज मेहता से संपर्क कर देहदान की संपूर्ण कार्यवाही पूरी कर सुरेंद्र सिंह सोलंकी की पार्थिव देह मेडिकल छात्रों के अध्ययन व अनुसंधान हेतु दोपहर 4:30 बजे समर्पित की।
उनके पुत्र जितेंद्र व धर्मेंद्र सोलंकी ने बताया कि उनके पिताजी रेलवे मंडल जोधपुर से ग्रेड प्रथम मशीन मैन के पद से सेवानिवृत्त हुए थे तथा उन्होंने अपने जीवन काल में ही अपनी तथा पत्नी कुसुमलता सोलंकी की देहदान की संपूर्ण कार्यवाही पूरी कर दी थी।
देहदान काउंसलर मनोज मेहता ने बताया कि 2011 में स्टांप पेपर पर परिवार के सदस्यों के हस्ताक्षर के साथ उन्होंने देहदान का फार्म भरा था तथा उनका यह विचार था कि मरने के बाद भी मेडिकल छात्रों के लिए यह शरीर काम आता है तो जलाने के स्थान पर देहदान ही सर्वोत्तम है। सुरेंद्र सिंह सोलंकी ने अपने अनेक रिश्तेदारों के भी देहदान के फार्म भरवाए। वे हमेशा लोगों को देहदान के लिए प्रेरित करते रहते थे।
डॉक्टर एसएन मेडिकल कालेज के शरीर रचना विभागाध्यक्ष डॉ सुषमा कटारिया ने देहदान प्रमाण पत्र जारी करते हुए बताया कि कोरोना के कारण यह इस वर्ष का प्रथम तथा अब तक का 156 वां देहदान है। उन्होंने इस पुनीत कार्य के लिए सोलंकी परिवार का आभार व्यक्त किया।
देहदान के पुण्य अवसर पर धुरेंद्र सोलंकी, रामस्वरूप सोलंकी, हिमांशु मकवाना,रश्मि गोयल,गरिमा सोलंकी, तरुण गोयल,हिमांशु चौहान,जयति मकवाना, मंजू सोलंकी, दीप्ति सोलंकी, कैलाश पंवार, कैलाश जे पंवार, विपुल सोलंकी, हेमलता मकवाना, राजेंद्र टाक, चंद्र सिंह टाक, मनीष भाटी, हेमंत टाक व योगेश टाक सहित परिवार व समाज के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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