जनहित याचिका पर नोटिस देकर तलब
राजस्थान हाईकोर्ट
जोधपुर, राजस्थान उच्च न्यायालय ने जोधपुर में विभिन्न अधिकरण या उनकी बेंच नहीं खोलने के मामले में दायर जनहित याचिका पर केंद्र सरकार, राज्य सरकार, मुख्य सचिव, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल व कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। अगली सुनवाई 5 अप्रैल को होगी।
राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश संदीप मेहता और रेखा बोराणा की खंडपीठ ने जोधपुर में विभिन्न अधिकरण या उनकी बेंच नहीं खोलने के मामले में दायर जनहित याचिका लगाई गई।
राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन अध्यक्ष नाथूसिंह राठौड़ की ओर से दायर जनहित याचिका में कोर्ट को बताया कि राज्य की न्यायिक राजधानी होने के बावजूद जोधपुर के साथ सही व्यवहार नहीं किया जा रहा है। सरकारी अधिकरण जोधपुर में स्थापित करने में सरकार की मंशा प्रतिकूल रहती है।
16 अधिकरण में से केवल 4 जोधपुर में आते
याचिका में बताया गया कि भारत सरकार द्वारा अधिसूचित 16 अधिकरण में से केवल चार अधिकरण ही जोधपुर में कभी-कभी आते हैं। राज्य द्वारा अधिसूचित अधिकरणों की तो और भी बुरी स्थिति है। कोर्ट से आग्रह किया गया कि राजस्थान न्यायालय की मुख्य पीठ होने से केंद्र और राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित सभी अधिकरण की स्थाई या चल पीठ गठित किया जाना आवश्यक है।
अधिवक्ताओं को ही नियुक्त किया जाए
याचिका में यह भी ध्यान में लाया गया कि राजस्थान भू राजस्व अधिनियम का अध्यक्ष आईएएस और उसमें अधिकांश सदस्य प्रशासनिक अधिकारी ही होते हैं। इसी प्रकार राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय प्राधिकरण में भी अध्यक्ष वरिष्ठ आईएएस और अधिकांश सदस्य प्रशासनिक अधिकारी और सेवानिवृत्त अधिकारी तक बनाए जा रहे हैं। इन पदों पर उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, जिला न्यायाधीश और न्यूनतम सात वर्ष अवधि तक वकालत करने वाले अधिवक्ताओं को ही नियुक्त किया जाए।
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