दूरबीन द्वारा आधे सेमी के छेद से किया दिमाग का सफल ऑपरेशन
- शहर के मथुरादास माथुर अस्पताल में हुआ जटिल ऑपरेशन
- न्यूरोसर्जरी यूनिट ए की टीम ने किया दूरबीन द्वारा दुर्लभ ऑपरेशन
- सीनियर प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष डॉ.सुनील गर्ग के नेतृत्व में हुआ ऑपरेशन
जोधपुर, मथुरा दास माथुर अस्पताल के न्यूरोसर्जरी यूनिट ए की टीम ने हाल ही में दूरबीन द्वारा एक दुर्लभ ऑपरेशन किया जिसमे आधा सेमी के छेद से पानी की थैली के रास्ते में आई रुकावट को खोला गया। इंडोस्कोपिक थर्ड वेंट्रिकुलोस्टॉमी नामक सर्जरी को सीनियर प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील गर्ग के नेतृत्व में सहायक आचार्य डॉ दिव्यम शर्मा और डॉ पंकज गुप्ता व रेजिडेंट डॉ अखिलेश कुमार की टीम ने यह जटिल ऑपरेशन किया। डॉ सुनील गर्ग ने बताया कि मोहम्मद नाम के मरीज़ को बहुत लंबे समय से सर दर्द और उल्टी की तकलीफ थी।
एमआरआई करने पर पता चला की उसे पानी की थैली जिसे वेंट्रिकल कहते हैं उसके रास्ते में रुकावट थी। आम तौर पर इस बीमारी में एक शंट नमक पाइप डाल दिया जाता है जो की इंसान की पूरी उमर रहता है लेकिन इस पाइप में संक्रमण और रुकावट की समस्या हमेशा रहती है। दूरबीन (एंडोस्कोप) जैसी नई तकनीक की वजह से इस बिमारी के इलाज में नई उमीद की लहर आई है। जिसमे दूरबीन से पानी की थैली के रास्ते की रुकावट को खोलना संभव हो गया है। इस ऑपरेशन को भारत में बहुत ही कम जगह किया जाता है और ऐसा ऑपरेशन एमडीएम अस्पताल ने पहली बार किया गया है।
डॉ. शर्मा ने बताया की मरीज़ के सिर में आधा सेमी के एक छेद से दूरबीन को डाला गया और गुबारे द्वारा पानी का रास्ता खोला गया। मरीज़ अब बिलकुल स्वस्थ है और उसके सर दर्द में भी आराम है। यह ऑपरेशन काफी जटिल था तथा एक दो मिमी की चूक से मरीज की जान को खतरा भी हो सकता था। इस ऑपरेशन में निश्चेतना विभाग से डॉ.शोभा उज्जवल, डॉ मोनिका,डॉ अभास छाबड़ा व ओटी तकनीशियन रेखा सुनील युवराज ने सहयोग दिया। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ एसएस राठौड़ और एमडीएमएच अधीक्षक डॉ. एमके आसेरी ने इस जटिल ऑपरेशन करने वाली पूरी टीम को बधाई दी है।
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