रामलीला में साकार हुआ सीता स्वयंवर

  • विश्व हिंदू परिषद धर्म प्रसार जोधपुर प्रांत का आयोजन
  • झालामंड में चल रही रामलीला

जोधपुर,रामलीला में साकार हुआ सीता स्वयंवर। शहर के झालामंड में चल रही रामलीला में बुधवार को सीता स्वयंवर प्रसंग का मंचन हुआ। जब राजा जनक ने कहा कि इस सभा में कोई ऐसा योद्धा राजा नहीं है जो इस शिव धनुष को उठा सके,मुझे ऐसा लगता है कि सीता के स्वयंवर की शर्त यह थी कि जो भी शिवजी के इस धनुष को उठा उस पर प्रत्यंचा चढ़ा देगा,सीता उसी के गले में वर माला डालेगी,पर यह मेरी बहुत बड़ी भूल थी।

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ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मेरी पुत्री कुंवारी रहेगी,क्योंकि इस सभा में बैठे इन सभी में कोई योद्धा नहीं है। ऐसा सुनकर लक्ष्मण क्रोधित हो गए और श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण को क्रोधित होते देख, गुरुदेव से आज्ञा लेकर धनुष को उठाने के लिए उठ खड़े हुए। श्रीरामजी ने धनुष को उठा उस पर प्रत्यंचा चढ़ा दी। सभी श्रद्धालुओं ने जय श्रीराम का जय घोष कर पंडाल को गुंजायमान कर दिया। इस प्रकार माता सीता ने श्रीराम को वरमाला पहनाकर स्वयंवर की रचना पूर्ण हुई।

गौ भक्त दयालराम प्रजापत ने बताया कि काशी से आए रामलीला के कलाकारों को सभी गाँव,नगर कॉलोनी वासियों का स्नेह और प्यार मिला। हर राम भक्त अपने घर भोजन प्रसादी के लिए निमंत्रण दे रहे हैं। इनका तन मन धन से सहयोग कर रहे हैं। रामलीला समिति की ओर से सहयोगीओं का साफा एवं दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया गया।

दस दिवसीय रामलीला का मंचन हर रोज शाम 8 से 11बजे होता है। समाजसेवी गौभक्त दयालराम प्रजापत,किशोर सिंह चुंडावत, खेताराम प्रजापत,राकेश कुमार पंच, सुरेश कुमार नागौरी,राजेश कुमार हरकिया,शिवसिंह राजपुरोहित, महिपाल बिश्नोई, मुन्ना लाल,प्रेमराम बठाणिया,जगदीश जोशी,ताराचंद, ओमाराम जगरवाल एवं पुखराज बनावाडिया इन सभी का रामलीला आयोजन में सहयोग रहा।