Seventy Sixth District Level Forest Festival concluded with enthusiasm

जोधपुर की आत्मा में रचा-बसा है ‘सिर साठे रूंख रहे तो भी सस्तो जाण’ का भाव-भंसाली

-76वां जिला स्तरीय वन महोत्सव उत्साह पूर्वक सम्पन्न
-पर्यावरण संरक्षण की दिलाई सामूहिक शपथ
-पर्यावरण क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों का हुआ सम्मान

जोधपुर(डीडीन्यूज),जोधपुर की आत्मा में रचा-बसा है ‘सिर साठे रूंख रहे तो भी सस्तो जाण’ का भाव-भंसाली। हरियाली तीज के शुभ अवसर पर रविवार को ‘हरियालो राजस्थान’ मुख्यमंत्री वृक्षारोपण महाभियान अंतर्गत 76वां जिला स्तरीय वन महोत्सव- 2025 मारवाड़ इंटरनेशनल सेंटर के सभागार में हर्षोल्लास पूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शहर विधायक अतुल भंसाली थे,जबकि अध्यक्षता जिला प्रभारी सचिव एवं राजस्व व उपनिवेशन विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार ने की।

इस अवसर पर संभागीय आयुक्त डॉ.प्रतिभा सिंह,जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल,मुख्य वन संरक्षक आरके जैन,पुलिस उपायुक्त विनीत बंसल,डीआरएम अनुराग त्रिपाठी, राजेन्द्र पालीवाल,घनश्याम ओझा सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं पर्यावरण प्रेमी उपस्थित थे।

शपथ ग्रहण:-
जिला प्रभारी सचिव दिनेश कुमार ने सभी उपस्थितजन को पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्द्धन की सामूहिक शपथ दिलाई। विधायक अतुल भंसाली ने जोधपुर के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक परिवेश में पर्यावरण चेतना की परंपरा ‘सिर साठे रूंख रहे तो भी सस्तो जाण’ को रेखांकित करते हुए अमृता देवी बिश्नोई के बलिदान को प्रेरणास्रोत बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान एवं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के हरित संकल्प को जनआंदोलन बनाने का आह्वान किया।

उन्होंने अवगत कराया कि मुख्यमंत्री ने ‘अमृता देवी मार्ग’ को स्मारक के रूप में विकसित करने की सहमति दी है तथा शीघ्र ही वहां अमृता देवी की आदमकद प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

उत्कृष्ट योगदानकर्ताओं का सम्मान:-
कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान के लिये ग्राम पंचायत सोईन्तरा (शेरगढ़) के सरपंच गोविंद सिंह-एक दिन में 7003 पौधारोपण,ग्राम पंचायत सालावास (लूणी) के सरपंच ओमा राम पटेल-गडाईनाडी में वृक्ष कुंज निर्माण,ग्राम पंचायत बनाड़ (मंडोर) की सरपंच सुआदेवी-अमृत सरोवर के पास बाग निर्माण,समाजसेवी राधेश्याम रंगा-अपनी 40 बीघा भूमि पर 33,000 पौधे लगाने एवं नर्सरी लॉक्सवेल (मंडोर) के तकनीशियन श्यामलाल-दो वर्षों में 1.50 लाख पौधों के उत्पादन-प्रदान हेतु सम्मानित किया गया।