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राधेराधे प्रोडक्शन के बैनर तले बनी लघु फिल्म कोख एक खामोशी का राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के लिए चयनित होना जोधपुर के लिये बड़े गर्व की बात है। इस फ़िल्म के निर्देशक ओर निर्माता कौशल जोशी ने बताया कि समाज की ज्वलंत समस्या और समाधान के लिए चरम पर पहुंचती फिल्म में रोंगटे खड़े करने वाले समाधान को प्रस्तुत कर सर्व समाज को एक सर्वमान्य संदेश दिया है। इस फिल्म की खामोशी ही इसका क्लाइमैक्स है, नारी हमेशा पुरुष को क्षमा करती आई है क्या इस बार भी नारी पुरुष को माफ करेगी ये फ़िल्म के अंत मे ही पता चलता है। इस फ़िल्म में सस्पेन्स है जो दर्शकों को अंत तक जोड़े रखती है। फ़िल्म कोख एक खामोशी की कहानी ऐसी खामोशी और डर से घुट-घुट कर अपने अंदर उतपन्न हजारों सवाल लिए खामोश है, उसकी 2 बेटियां जो हर पल नए सूर्य उदय के साथ अपनी इच्छाओं को लेकर अपनी माँ के सामने जाती रहती हैं लेकिन बच्चों को मिलता हैं सिर्फ एक आशा भरा उत्तर। लेकिन इस औरत के पेट से उत्पन्न होने वाली संतान क्या होगी? वो अपने पति को खुशी दे पाएगी? क्या पति तीसरी संतान बेटी हुई तो वो उसको उतना ही प्यार देगा? या उसको अपने स्वाभिमान के लिये उसको मारने की सोचेगा? अगर ऐसा करता है तो क्या वो औरत अपने पति को माफ़ करेगी? ऐसी ही खामोशी के साथ एक नारी अपनी कोख के सम्मान के लिये क्या करती है? ऐसा इस फ़िल्म में दर्शाया गया है। फिल्म के सह निर्माता सुनील मुथा,रविन्द्र पारख तथा सुमनेश व्यास ने कलाकारों का परिचय देते हुए बताया कि अभिनेता अजय करण जोशी और अभिनेत्री स्वाति व्यास, अनुज पुरोहित, शरद शर्मा, प्रियदर्शनी, गौरी अरोड़ा और बाल कलाकार जसमीत कौर, स्वरूप व्यास ने अपनी प्रतिभा का इस फिल्म में अच्छा प्रदर्शन किया है। फिल्म का छायांकन उमंग पटेल किया है फिल्म के संगीत निर्देशक गोविंद कल्ला हैं।