बीपीसीएल के रिटा.अधिकारी डिजिटल अरेस्ट का शिकार देश भक्ति के नाम पर 1.84 करोड़ की धोखाधड़ी

  • साइबर फ्रॉड
  • बनाड़ थाने में प्रकरण दर्ज

जोधपुर,बीपीसीएल के रिटा. अधिकारी डिजिटल अरेस्ट का शिकार देश भक्ति के नाम पर 1.84 करोड़ की धोखाधड़ी।शहर के प्रभात नगर नांदड़ी क्षेत्र में रहने वाले बीपीसीएल के एक रिटायर्ड अधिकारी से शातिर ठगों ने 1 करोड़ 84 लाख की ठगी कर ली।

ठगों ने उन्हें देशभक्त होने का झांसा दिया और कार्रवाई में सहयोग की अपील की। साथ ही परिवार की जान को खतरा होने की बात कहते हुए धमकाते रहे। पांच दिन में शिफ्ट बदल-बदल कर अलग-अलग ठग उन पर नजर रखते रहे। 11 चेक के जरिए करोड़ों रुपए की ठगी कर ली। इतना ही नहीं पीडि़त अधिकारी से उनके भाई का नंबर भी ले लिया ताकि उन्हें भी डरा कर और ठगी कर सके।

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ठगी का शिकार हुए नरेश कुमार बैरवा ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि 2020 में हिंदुस्तान पेट्रोलियम में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में असिस्टेंट मैनेजर के पद से रिटायर हुए थे। स्वास्थ्य कारणों के चलते उन्होंने वीआरएस लिया था। इसके बाद से जोधपुर में किराए के मकान में रहकर अपना इलाज करवा रहे थे।उनके रिटायरमेंट फंड और पेंशन का 1 करोड़ 84 लाख ठगों ने उड़ा लिया।

बैरवा ने बताया कि पहली कॉल उन्हें 25 नवंबर को आई थी। ठगों ने उन्हें मनी लॉड्रिंग केस का हलवा देते हुए पूरा एक दिन डिजिटल अरेस्ट रखा। इस दौरान उनसे पर्सनल जानकारी ले ली और उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया।

मुंबई में आधार नंबर से एक सिम अलॉट करवाई,मनी लाड्रिंग में यूज
ठगों ने कॉल कर उनसे कहा कि अगस्त माह में मुंबई में आपने आधार नंबर से एक सिम अलॉट करवाई है। यह मोबाइल नंबर मनी लॉड्रिंग केस में यूज हुआ है। इस पर बैरवा ने कहा वे पिछले बीस सालों में मुंबई ही नहीं गए। ऐसे में ठगों ने धमकाते हुए उनका कॉल फर्जी साइबर सेल में ट्रांसफर कर दिया।

इस पर दो लोगों ने लाइन पर रहकर उनसे बातचीत जारी रखी और एक ने कहा कि चेक करके बताइए कि इनका नंबर मनी लॉन्ड्रिंग केस में आया है या नहीं। इसके बाद उन्हें धमकाया कि आपके खाते,आपकी प्रॉपर्टी और अन्य चल-अचल सम्पत्तियां अब जब्त की जाएंगी।

परिवार की बताई जान खतरे में
ठगों ने कहा कि इस मामले में बड़े लोग जुड़े हैं आपकी जान को खतरा है। अगर आप जेल चले गए तो वो लोग आपके परिवार की जान लेंगे। ऐसे में बैरवा डर गए और जैसा ठग कहते रहे वैसा ही करते गए। इसके बाद 26 नवंबर की सुबह ठगों ने सीबीआई ऑफिसर बनकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस बताया। इसके साथ ही फर्जी सेटअप लगाकर पूछताछ शुरू कर दी।

पीड़ित ने कहा फाइनेंस से कोई लेना देना नहीं 
बैरवा जांच में सहयोग करने के नाम पर कहते रहे कि उनका फाइनेंस से जुड़े मैटर में कोई लेना-देना नहीं है। तब ठगों ने उन्हें बताया कि आपके बैंक में करोड़ों रुपया आया है लेकिन आपके बैंक मैनेजर ने गलती से आपके अकाउंट में रुपया ट्रांसफर किया है। इसकी बैंक स्टेटमेंट की एंट्री भी आपको दिखाई नहीं देगी।

ठगों ने झांसा दिया और कहा अब इसके लिए आपको सहयोग करना होगा। जिससे कि हम बैंक मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई कर सकें। अगर इस पूरे मामले में आपका इंवॉल्वमेंट नहीं है तो आपको डरने की कोई जरूरत नहीं है। सीबीआई अधिकारी बने ठग ने उन्हें कहा कि आप देशभक्त हो और इस तरह की ठगी को लेकर आपको सहयोग करना होगा। जिससे गलत ट्रांजैक्शन करने वाले बैंक मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

फार्म ऑन लाइन भेजा,11 चेक से करोड़ों का ट्रांजेक्शन 
ठगों ने उन्हें रिजर्व बैंक के नाम से एक फॉर्म भी ऑनलाइन भेजा। जिस पर उनसे साइन करवाए गए। इसमें यह लिखवाया गया कि यदि इसमें बैरवा का इंवॉल्वमेंट नहीं होता है तो उनकी पूरी जमा पूंजी 24 घंटे में रिटर्न कर दी जाएगी। अगले तीन दिन ठगों ने बैरवा से अलग-अलग राशि के 11 चेक बनवाए। इसमें 1 करोड़ 84 लाख 50 हजार के चेक बनवा लिए। ये चेक जमा कराने वे घर के 2 किमी दूर एसबीआई बैंक जाते रहे। ठगों ने उन्हें मना किया कि अगर ये बात आपने किसी को बताई तो जांच में समस्या आ सकती है। असली आरोपी सावचेत हो सकता है। ऐसे में बैरवा चुपचाप जाते और बैंक में चेक जमा करवा कर वापस लौट जाते।

भाई को भी ठगने की कोशिश की
ठगों के अनुसार 24 घंटे बाद उनका रुपया वापस आना था। ऐसे में तीस तारीख को बैरवा ने नंबर पर कॉल कर रुपए मांगे। ठगों ने उन्हें फिर से धमकाया और कहा आपको अपने भाई के नंबर भी देने होंगे। परिवार को जान से मारने की धमकी सुनकर बैरवा डर गए और अपने भाई के नंबर भी दे दिए। ठगों बैरवा के भाई को भी ठगने की कोशिश की।

उन्हें कॉल करके कहा कि आपका भाई किसी मुसीबत में फंस गया है। जल्दी नजदीकी थाने जा कर उनकी मदद करो। बैरवा के भाई उनके झांसे में नहीं आए और फोन काट दिया। इसके बाद बैरवा से बात हुई तो पूरे मामले का खुलासा और दोनों भाइयों ने जा कर मामला दर्ज करवाया।