जोधपुर, विद्युत उपभोक्ताओं के अधिकारों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से राजस्थान राज्य विद्युत विनियामक आयोग विद्युत उपभोक्ताओं के लिये दक्षता के मापदंड एवं शिकायत निवारण फोरम, विद्युत लोकपाल और उपभोक्ता पक्षपेक्षण विनियम बनाने जा रहा है। नियामक आयोग के प्रस्तावित विनियमो के संबंध में राजस्थान के अग्रणी उपभोक्ता संगठन उपभोक्ता मार्गदर्शन समिति उमस के सचिव लियाकत अली ने आयोग को अपने सुझाव भेजकर प्रस्तावित विनियम को और मजबूत बनाने सहित कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव भेजे। सचिव लियाकत अली ने बताया कि पूर्व मे भी दक्षता मापदंड एवं शिकायत फोरम बनाये हुए हैं, परन्तु, इसको और सशक्त बनाने के लिये आयोग ने यह कदम उठाये हैं। शिकायत निवारण फोरम मे पांच स्तरीय समितियां बनाई जायेगी। सब डिवीजन स्तर, डिवीजन लेवल, सर्किल स्तर, जोनल और कॉपोरेट स्तर पर फोरम गठित किये जायेगे, फोरम आर्थिक रूप से क्रमश: 20 हजार,50 हजार, 5 लाख तक एवं जोनल व कापोरेट स्तर पर 5 लाख व इससे अधिक के मामलो की सुनवाई करेगे। जोनल व कॉपौरेट स्तर की समितियो में तीन-तीन सदस्य विद्युत उपभोक्ताओं की शिकायत सुनेगे तथा इनमे एक-एक स्वतंत्र सदस्य भी आयोग नियुक्त करेगा। शिकायतों के समाधान के लिए नई प्रक्रिया भी आयोग ने निर्धारित की है। आयोग ने उक्त फोरम के प्रचार प्रसार के लिये भी मापदंड तय किये हैं तथा विद्युत कंपनियों को शिकायत फोरम से संबधित अधिकारियों के नाम पते व ई मेल आदि की जानकारी विद्युत बिलों के पीछे प्रकाशित करने की भी नीति निर्धारित की है। इसके साथ ही विद्युत लोकपाल में भी शिकायत दर्ज करने की पूरी प्रक्रिया नये सिरे से तैयार की है। संस्था ने प्रत्येक डिस्कॉम स्तर पर विद्युत लोकपाल करने की स्थापना का सुझाव भी दिया है। उमस के सचिव लियाकत अली ने भी अपने सुझाव विद्युत विनियामक आयोग को इस संबंध में और सशक्त बनाने के लिये भेजे हैं।