रानीखेत एक्सप्रेस पहली बार दौड़ी इलेक्ट्रिक इंजन से
- जैसलमेर की इलेक्ट्रिक रेल से दिल्ली- जयपुर की सीधी कनेक्टिविटी हुई
- अन्य ट्रेनों का भी चरणबध्द तरीके से इलेक्ट्रिक लोको से संचालन होगा प्रारंभ
जोधपुर,रानीखेत एक्सप्रेस पहली बार दौड़ी इलेक्ट्रिक इंजन से।
रेलवे ने राष्ट्र की पश्चिमी सरहद को इलेक्ट्रिक रेल से राजधानी दिल्ली और जयपुर को जोड़ने में सफलता हासिल की है।
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उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल के तीन सौ किलोमीटर लंबे नव विद्युतीकृत राइकाबाग-जैसलमेर रेल मार्ग पर शुक्रवार को काठगोदाम- जैसलमेर-काठगोदाम रानीखेत एक्सप्रेस का काठगोदाम से जैसलमेर तक इलेक्ट्रिक इंजन से सफलता पूर्वक संचालन किया गया। इसके साथ ही जैसलमेर की देश व प्रदेश की राजधानियों से इलेक्ट्रिक रेल से कनेक्टिविटी हो गई है तथा चरणबद्ध तरीके से अन्य यात्री गाड़ियों का संचालन भी इलेक्ट्रिक इंजन से हो सकेगा।
जोधपुर डीआरएम पंकज कुमार सिंह ने बताया कि जोधपुर मंडल के जोधपुर-जैसलमेर के मार्ग पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों का संचालन प्रारंभ होने से यात्रियों का सफर सुगम होगा तथा रेलवे की डीजल पर निर्भरता कम होने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को गति मिलेगी।
राइकाबाग-जैसलमेर रेलमार्ग पर विद्युतीकरण कार्य पूरा होने के पश्चात पहले इलेक्ट्रिक इंजन से सफल ट्रायल रन लिया गया था और अब शुक्रवार से पैसेंजर ट्रेन के बतौर काठगोदाम-जैसलमेर रानीखेत एक्सप्रेस को प्रारंभिक स्टेशन काठगोदाम से अंतिम स्टेशन जैसलमेर तक। इलेक्ट्रिक इंजन से संचालित किया गया।
सामरिक और धार्मिक दृष्टि से अहम है यह मार्ग
जोधपुर-जैसलमेर रेल मार्ग की भारतीय रेलवे में बड़ी अहमियत है। जहां एक तरफ यह लाइन देश को पश्चिमी सरहद से जोड़ती है वहीं दूसरी ओर धार्मिक दृष्टि से ओसियां, फलोदी,रामदेवरा व पोकरण जैसे प्रसिद्ध स्टेशनों पर देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं व सैलानियों की वर्ष पर्यंत आवाजाही बनी रहती है।
अब जब इस लाइन पर इलेक्ट्रिक ट्रेनों का संचालन प्रारंभ हो गया है तो देसी-विदेशी सैलानियों व श्रद्धालुओं का ओसियां,रामदेवरा व जैसलमेर यात्रा सुगम होगी।