जोधपुर, जिले की फलोदी जेल से भागे 16 बंदी अभी तक पुलिस के हाथ नहीं आए हैं। पुलिस उनमें से एक भी बंदी को पकड़ पाने में सफल नहीं हो पाई है। उनके भागने के आज तीसरे दिन भी पुलिस के हाथ पूरी तरह से खाली हैं। पुलिस को आशंका है कि ये सभी बंदी क्षेत्र के रेतीले धोरों में किसी स्थान पर शरण लिए हुए हैं।
पुलिस इन तक पहुंच नहीं पा रही है। पुलिस टीमें लगातार क्षेत्र में कई स्थान पर दबिश दे चुकी हैं लेकिन अभी तक एक भी बंदी पुलिस के हाथ नहीं लगा है। फलोदी की जेल से सोमवार रात आठ बजे 16 बंदी वहां तैनात गार्डों के साथ मिलीभगत कर भाग निकले थे।
सुनियोजित तरीके से भागे इन बंदियों ने पूरी योजना पहले से तैयार कर रखी थी। यही कारण रहा कि जेल से बाहर निकलते ही उन्हें ले जाने के लिए एक स्कॉर्पियो जेल से बाहर तैयार खड़ी थी। सभी चंद सेकंड में जेल से निकल इस स्कॉर्पियो में सवार होकर भाग निकले। इसके बाद इनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। पुलिस अभी तक ना तो किसी बंदी को खोज पाई है और न ही उन्हें भगा कर ले जाने वाली स्कॉर्पियो। मामले की जांच फलोदी पुलिस थाना प्रभारी राकेश ख्यालिया कर रहे हैं।
थाना प्रभारी ने बताया कि उनकी तलाश में बड़ा अभियान शुरू किया गया है। वे सात दिन में पेश नहीं हुए तो उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी। बताया गया है कि जेल से भागे 16 बंदियों में से 9 विश्नोई जाति के हैं। इस जाति का ग्रामीण क्षेत्र में काफी प्रभाव है। जेल से फरार होने वाले बंदियोंं को अच्छी तरह से मालूम है कि उनके भागते ही पूरे क्षेत्र में जोरदार नाकाबंदी होने के साथ सघन तलाशी अभियान चलेगा।
ऐसे में अन्य जिलों की तरफ भागने के बजाय वे रेतीले धोरों में बसी किसी ढाणी में शरण लेकर बैठ गए होंगे। वे सभी एक साथ रहने के बजाय अलग होकर अपने स्तर पर शरण ले समय निकाल रहे हैं, ताकि नाकाबंदी में ढिलाई आते ही वे यहां से भाग किसी अन्य स्थान पर जा सकें।