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जोधपुर, कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप से रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़ा के दूसरे दिन पुलिस की सख्ती और बढ़ गई। चप्पे चप्पे पर पुलिस नजर आई। बिना वजह घूमने वालों की गाड़ीय़ां सीज की गई। हालांकि आज सड़क़ों पर वाहन कम ही नजर आए। सड़क़ों पर सन्नाटा पसरा देखा गया। गर्मी का असर भी बना रहा, जिससे भी चहलकदमी कम ही रही। बाहर से आने जाने वाले रास्तों को सील किया गया है। मुख्य हाइवे मार्गों पर केवल मालवाहक वाहनों को छोड़क़र आवागमन पूरी तरह से बंद है।

किराणा दुकानों पर रही भीड़

आज भी जब सवेरे किराणे की दुकानें खुली तब ग्राहकों की भारी भीड़ नजर आई। रोजाना सिटी बसों से काम पर जाने वालों को बसें बंद होने से परेशानी उठानी पड़ी। 11 बजने के बाद जैसी ही आवश्यक दुकानें बंद हुई। शहर के हर कोने पर सन्नाटा सा नजर आने लगा। जरूरी काम से घरों से बाहर निकलने वाले लोग ही दिखाई दिये।

रोडवेज व निजी बसें बंद

लॉकडाउन का असर अब परिवहन पर भी दिखाई देने लग गया है। रोडवेज बसों का संचालन बंद होने के साथ ही रायकाबाग मुख्य बस स्टेंड के साथ ही बरकतुल्लाह खां बस स्टेंड, पीली टंकी बस स्टेंड  सहित अन्य जगहों पर सन्नाटा पसरा हुआ रहा। निजी व सिटी बसें भी बंद है। थ्री व्हीलर मरीजों आदि को ले जाते दिखाई दिए।

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मजदूर बेबस

कोरोना के संकट काल में लॉकडाउन की स्थिति के चलते निर्धन वर्ग परेशानी में है। रोजाना मजदूरी करके पेट भरने वाले गरीब परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। लॉक डाउन के कारण अधिकांश छोटे-छोटे धंधे चौपट हो गए हैं। मजदूर वर्ग खाली हाथ बैठा हुआ है। रोजाना मेहनत मजदूरी करने वाले बेलदार, ठेले वाले, मिस्त्री, कारपेंन्टर, मोची आदि दिहाड़ी मजदूरों के लिए परिवार का पालन करना मुश्किल हो रहा है।