• केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने पश्चिम बंगाल की वर्तमान व्यवस्थाओं पर उठाए सवाल
  • पश्चिम बंगाल के प्रवास पर जोधपुर सांसद केन्द्रीय मंत्री शेखावत

कोलकाता, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने रविवार को पश्चिम बंगाल की वर्तमान व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि दुनिया में जहां कहीं भी अन्याय होता था तो सबसे पहली आवाज बंगाल से उठती थी, लेकिन आज मुझे आश्चर्य हो रहा है कि वर्तमान परिस्थिति में बंगाल मौन क्यों है? आखिर बंगाल का डीएनए ऐसे कैसे बदल गया? बंगाल के डीएनए को पुनः अपने पथ पर लाने की जिम्मदारी अब लोगों की है। कोलकाता में विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर रविवार को बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय की ओर से आयोजित 35वें विवेकानंद सेवा सम्मान समारोह में स्वामी विवेकानंद के उपदेशों और आदर्शों का उल्लेख करते हुए केंद्रीय मंत्री ने सवाल किया कि क्या हम सुभाष चंद्र बोस और स्वामी विवेकानंद के सपनों का बंगाल बना पाए हैं? जिस बंगाल ने देश के विकास में अपने योगदान से हर भारतीय को गौरवान्वित किया है, उस बंगाल ने कई महान विभूतियों को जन्म दिया है, लेकिन आज उस बंगाल में व्यक्ति उन्मुक्त होकर अपने विचार व्यक्त नहीं कर सकता। भारत माता की जय और जय श्रीराम का नारा चौराहे पर खड़ा होकर नहीं लगा सकता। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश आज उत्थान के

जिस मुकाम पर खड़ा है, उसमें सामाजिक संस्थाओं का बहुत अहम योगदान है। प्रतिदिन हमें ऐसे कई अवसर मिलते हैं, जब हम भारतीय होने पर गर्व का अनुभव कर सकते हैं और विगत पांच-छह सालों में तो हमें ऐसे अनगिनत अवसर मिले हैं। समाज की कोई भी विधा हो, जीवन का कोई भी क्षेत्र हो उन सब क्षेत्रो में हमें निरंतर ऐसे अवसर मिल रहे हैंI

दुनिया को प्रेरणा दे रहा भारत
शेखावत ने कहा कि भारत युवाओं का देश है। आज समूचा विश्व अपार संभावनाओं वाले देश भारत की ओर देख रहा हैI भारत में जब कोई परिवर्तन होता है तो विश्व के लिए परिवर्तन होता है। प्रगति की इस रफ्तार में अगर कोई देश प्रेरणा स्वरूप है तो वह भारत है। भारत में आज जब कोई प्रगति की इबारत लिखी जाती है तो वह दुनिया के कई देशों के लिए प्रेरणा होती है। खुले में शौच से मुक्ति के बाबत हमने जिस तरह अपने सैनिटेशन सिस्टम पर काम किया, वह दुनिया के लिए एक मिसाल है।

बदलाव में युवाओं की बड़ी भूमिका
केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि आजादी की लड़ाई के वक्त देश एक बदलाव के दौर से गुजर रहा था और सामाजिक संस्थाएं इसमें अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही थीं। आज भी देश एक बदलाव के दौर से गुजर रहा है और इसमें बड़ाबाजार कुमारसभा जैसी संस्थाओं तथा वर्तमान पीढ़ी की भूमिका और महत्वपूर्ण हो जाती है। इतिहास साक्षी है कि दुनिया में जहां कहीं भी बदलाव हुआ, तत्कालीन पीढ़ी ने उस समय के अनुकूल कार्य किया तो उसका परिणाम सकारात्मक हुआ। अगर कहीं चूक गए तो कई पीढ़ियों को उसकी कीमत चुकानी पड़ी हैI

कोरोना से बेहतर ढंग से निपटा भारत
अपनी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए शेखावत ने कहा कि वर्तमान में देश कोरोना की आपदा से जूझ रहा हैI हमें आपदा को अवसर में बदलकर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ते रहना चाहिए। इस महामारी का प्रकोप आज पूरे विश्व में है, लेकिन कोरोना से जंग में भारत अपने सीमित संसाधनों के बावजूद कई विकसित देशों से बेहतर स्थिति में है। भारत के विकास में बाधक बनने वाले हर मुश्किल को हम उखाड़ फेंकेगे, इस संकल्प के साथ हमें जीने की आवश्यकता हैI
शेखावत ने समाजसेवा के अनुपम साधक बनवारी लाल सोती को विवेकानंद सेवा सम्मान से सम्मानित किया। उन्हें सम्मान स्वरूप श्रीफल देकर, शॉल ओढ़ाकर और एक लाख रुपए का चेक प्रदान किया।