केंद्र सरकार की प्रस्तावित यूनिफाइड पेंशन स्कीम का विरोध

जोधपुर,केंद्र सरकार की प्रस्तावित यूनिफाइड पेंशन स्कीम का विरोध।केंद्रीय कैबिनेट द्वारा एनपीएस के स्थान पर यूपीएस जैसी पेंशन स्कीम को पारित किया गया है जो 01 अप्रैल 2025 से केंद्रीय कार्मिकों पर लागू होगी। इस प्रकार की शेयर बाजार आधारित अंशदाई पेंशन योजना से पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन(NMOPS) पूर्णतः असहमत है,आंदोलन की राजस्थान इकाई के प्रदेश अध्यक्ष कोजाराम सियाग ने बताया कि वर्षों से पुरानी पेंशन के लिए संघर्षरत नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) राजस्थान इस स्कीम से सहमत नहीं है,यूनिफाइड पेंशन स्कीम का विरोध कर रहा है।

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सियाग ने कहा राजस्थान सरकार से आग्रह करते हैं कि राज्य में अप्रेल 2022 से पुनः लागू की गई OPS स्कीम (पुरानी पेंशन)को यथावत रखा जाए तथा केंद्र सरकार से भी केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन लागू करने का आह्वान करती है। सियाग ने बताया कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम कंट्रीब्यूटरी पेंशन स्कीम है जिसमें कर्मचारियों का बेसिक तथा डीए का 10 प्रतिशत कंट्रीब्यूशन किया जाएगा तथा सरकार का 18.5 प्रतिशत कंट्रीब्यूशन होगा।

एनएमओपीएस की लड़ाई पुरानी पेंशन को यथारूप में लागू करने के लिए है कंट्रीब्यूटरी पेंशन के लिए नहीं। साथ ही पेंशन के लिए सेवा अवधि को 20 वर्ष से बढ़कर 25 वर्ष कर दिया गया है अर्थात 20 वर्ष के बजाय अब 25 वर्ष पूरा होने पर ही पेंशन का पूरा लाभ मिलेगा अन्यथा आनुपातिक रूप से पेंशन कम हो जाएगी। यूनिफाइड पेंशन सिस्टम भी एनपीएस की तरह शेयर बाजार आधारित है अर्थात सरकारी कर्मचारी और सरकार का कॉन्ट्रिब्यूशन शेयर बाजार में डूबने की पूरी संभावना है। पुरानी पेंशन में पे कमिशन लागू होने का प्रावधान है लेकिन यूनिफाइड पेंशन स्कीम में पे कमीशन का प्रावधान नहीं रखा गया है।

आंदोलन के प्रदेश महासचिव जगदीश यादव ने बताया कि एक नया झुनझुना भी थमाया गया है। ग्रेच्युटी के अलावा 6 महीने की एवरेज सैलरी का 1/10 भाग दिया जाएगा। इसका तात्पर्य है सरकारी कर्मचारियों के द्वारा कंट्रीब्यूट किए गए 10 प्रतिशत वेतन वापस नहीं मिलेगा, उसके एवज में प्रत्येक साल का केवल 18 दिन का वेतन वापस दिया जाएगा लेकिन कर्मचारी के द्वारा कंट्रीब्यूट किए गए 10 प्रतिशत कंट्रीब्यूशन का 60 प्रतिशत नगद रूप में उठाने का प्रावधान किया गया है लेकिन यह पैसा उठाने पर पेंशन 50 प्रतिशत के बजाय आनुपातिक रूप से कम हो जाएगी।

इस स्कीम के तहत वालंटियर रिटायरमेंट लेने पर पेंशन 60 साल के बाद ही शुरू होगी। ऐसी स्थिति में वॉलंटरी रिटायरमेंट लेने के बाद 60 साल तक जीवन यापन कैसे संभव होगा। इस स्कीम में पेंशन कम्यूटेशन के बारे में भी कुछ नहीं बताया गया है जबकि पुरानी पेंशन में 40 प्रतिशत पेंशन को कम्यूटेशन करवा कर रिटायरमेंट के समय नगद लिया जा सकता है।

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इस योजना को कतई पुरानी पेंशन के समान नहीं माना जा सकता क्योंकि इसमें न पुरानी पेंशन जैसी कोई बात है और न ही सेविंग के लिए GPF की सुविधा है। इसके अलावा और भी बहुत सारी खामियां हैं जो आने वाले समय में उभर कर सामने आएगी और उसको देखते हुए आंदोलन की नई रणनीति बनेगी।