पूर्ण आरती के साथ नौ दिवसीय रामकथा महोत्सव संपन्न

जोधपुर,केलावा स्थित रघुवंशपुरम आश्रम और केशवप्रिया गौशाला में चली नौ दिवसीय श्रीराम कथा एवं सहस्त्र चंडी यज्ञ का सम्पन्न हो गया। मानस वक्ता संत मुरलीधर ने अंतिम दिवस में राम कथा का वाचन करते हुए कहा कि अवधवासी भरत जी को राज सिंघासन पर बैठने का बोलते हैं पर भरत जी यह स्वीकार नही करते, पूरी प्रजा सहित भगवान को मनाने चित्रकूट आते हैं। यहां भगवान राम भरतजी को 14 वर्ष तक अयोध्या का राज करने की अनुमति दे कर वापस भेज देते हैं।

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इसके पश्चात सीता हरण,जटायु प्रसंग, शबरी प्रसंग और सुंदरकांड के प्रसंग को संक्षिप्त में सुनाते हुए बताया कि रावण का वध करने के बाद विभीषण को राज देकर सभी वानर सेना को विदा कर पुष्पक विमान में सवार होकर प्रभु श्रीराम अवध पहुंचे। हनुमान जी द्वारा भरतजी को सूचना देने के लिए भेजा, हनुमान जी भरत जी को सूचना देकर पुनः रामा दल में लौटे, इसके बाद भगवान शंकर ने प्रभु श्रीराम की स्तुति की एवं सभी की उपस्थिति में प्रभु श्रीराम का राज्याभिषेक हुआ।

इस अवसर पर मुरलीधर द्वारा गाए गए भजन राम राजा हमारे हम इसकी प्रजा.. ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूरे अवध में उत्सव का माहौल छा गया और सभी भक्त लोग नाचने पर मजबूर हो गए। प्रभु श्रीराम और मां जानकी जी सिंहासन पर विराजे संक्षिप्त में रामराज्य की संरचना का वर्णन किया, इस अवसर पर कथा के यजमान,श्रीराम कथा सेवा समिति के कार्यकर्ता और संपूर्ण भारतवर्ष से आए मानस भक्तों ने व्यासपीठ की पूर्ण आरती की, मुरलीधर ने कथा को विराम करते हुए सभी आयोजक और यजमान बंधुओं का और मानस भक्तों का आभार व्यक्त किया।

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