एमडी ड्रग बनाने की लैब पकड़ी,45 करोड़ का मादक पदार्थ बरामद
- नारकोटिक्स जोधपुर एवं एटीएस गुजरात की संयुक्त कार्रवाई
- सिरोही एसपी के सुपरविजन में अब जांच
जोधपुर,एमडी ड्रग बनाने की लैब पकड़ी,45 करोड़ का मादक पदार्थ बरामद। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और एटीएस ने मिलकर सिरोही जिले के कैलाश नगर में एक रहवासीय इलाके में मादक पदार्थ बनाने की लैब का खुलासा करते हुए दो लोगों को पकड़ा है।
लैब में मिले मादक पदार्थ देखकर दोनों टीमें अचंभित रह गई। पूरी लैब में मादक पदार्थ बनाने की प्रोसेसिंग नजर आई। यहां से टीमों को 45 करोड़ का मादक पदार्थ मिला है। पकड़े गए दोनों अभियुक्तों से गहन पड़ताल की जा रही है।
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ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर घनश्याम सोनी ने बताया कि एनसीबी जोधपुर- जयपुर मुख्यालय से सूचना मिली कि सिरोही जिले के कैलाश नगर में एक रहवासीय इलाके में मादक पदार्थ बनाया जाता है। इस गोपनीय सूचना के बाद एटीएस गुजरात की टीम और एनसीबी नई दिल्ली,जयपुर और जोधपुर ने संयुक्त रूप से कैलाशनगर सिरोही में रेड दी। तब वहां पर एक लैब का संचालन होना पाया गया। इस लैब में मादक पदार्थ बनाने की पूरी प्रोसेसिंग की जानकारी हुई।
लैब से 12 किलो मैथ और 60 किलो मैथ लिक्विड मिला। जिसकी बाजार अनुमानित कीमत 45 करोड़ रुपए है। जोनल डायरेक्टर सोनी ने बताया कि वहां से दो शख्स सिरोही जिले के कैलाश नगर लोटिनाडा बेडा निवासी रागाराम पुत्र नरसाराम एवं सांचोर जिले के झाब थानान्तर्गत लिद्रा निवासी बजरंग विश्रोई पुत्र धन्नाराम विश्नोई को पकड़ा गया है।
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एमडी ड्रग बनाने में काम आती है एम्पेटामाइन दवाई
एमडी ड्रग को बनाने के लिए एम्पेटामाइन दवाई काम आती है। इनके मिश्रण से ड्रग का निर्माण होता है। इस लैब में इसके अलावा अन्य केमिकल भी बरामद हुआ है। जो पूरी प्रोसेसिंग के बाद ड्रग को तैयार किया जाता है। ड्रग तैयार करने के लिए लैब में कई तरह के उपकरण लगे हुए थे।
कितने समय से चल रहा था कारोबार
एनसीबी अब यह पता लगाने में जुटी है कि यहां पर कितने समय से काम चल रहा था। संदेह है कि काफी समय से यह लैब लगी हुई थी।
सिरोही एसपी करेंगे मॉनिटरिंग
इस पूरे प्रकरण मेें अब सिरोही एसपी अनिल कुमार की तरफ से जांच की जाएगी। इसके लिए उनके सुपरविजन में मॉनिटरिंग कर मामले और बड़ा खुलासा होने की संभावना बनी है।
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