मेले में पुस्तकों के प्रति झलका प्रेम
- राजस्थान साहित्य उत्सव
- शिविर में जीवंत हुई दृश्य कला
जोधपुर,कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित राजस्थान साहित्य उत्सव-2022 में प्रदेशवासियों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। साहित्यकारों को मंच प्रदान करने और युवाओं को साहित्य के प्रति रुचि पैदा करने के उद्देश्य से आयोजित उत्सव में साहित्य,कला और संगीत का संगम दिखाई दिया। रविवार को पद्मश्री अनवर खां मांगणियार की लोक गायन प्रस्तुती ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। सीताराम लालस पुस्तक मेले में पुस्तक प्रेमियों की चहलकदमी रही। कोमल कोठारी कला शिविर में दृश्य कला व अन्य कारीगरी से आगंतुक रूबरू हुए। हस्तशिल्प मेले में दस्तकारों का हुनर देखने को मिला तो फूड स्टॉल्स पर विभिन्न व्यंजनों का स्वाद लेते लोग नजर आए।
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हिन्दी ग्रंथ अकादमी, राजस्थान साहित्य अकादमी व पं.जवाहर लाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी के संयोजन में सीताराम लालस पुस्तक मेले में किताबों का संग्रह देखने को मिला। यहां विभिन्न प्रकाशकों की 35 से अधिक स्टॉल्स लगायी गयी। दो दिन में ही 2 हजार से अधिक पुस्तक बिकी। जोधपुर के हेमंत चौधरी ने कहा कि मुझे पढ़ने का काफी शौक है, यहां मुझे ऐसी भी कई किताबें मिली जिन्हें मैं बड़े लंबे समय से ढूंढ रहा था। इस मेले का व्यापक असर देखने को मिलेगा।
ललित कला अकादमी के संयोजन में आयोजित कोमल कोठारी कला शिविर में विद्यासागर उपाध्याय,डॉ. नाथू लाल वर्मा,भवानी शंकर शर्मा, योगेन्द्र नरूका,रश्मि नरूका,साबिया, अमित हरित,मनीष शर्मा,लाखन सिंह जाट व पीसी किशन सहित 10 कलाकार का लाइव पेंटिंग सेशन देखकर दर्शक रोमांचित हो उठे।
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कन्वेनर मनोज टेलर ने बताया कि अकादमी की ओर से क्लेआर्ट,उस्तां कला, प्रिंट मेकिंग की स्टॉल्स भी लगायी गयी है,साथ ही संगोष्ठी भी आयोजित की जा रही है।हस्तशिल्प मेले में हैंड ब्लॉक,जूट बैग,सना आर्ट, मेहर आर्ट,कोटा डोरिया व सजावटी सामानों की स्टॉल्स है दस्तकारों के उत्पाद लोगों को आकर्षित कर रहे हैं।
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