क्रिटिकल केयर एवं इमरजेंसी में सिमुलेशन आधारित क्षमता निर्माण कार्यक्रम का शुभारंभ

डॉ.एसएन मेडिकल कॉलेज में एम्पावर सिम

जोधपुर(डीडीन्यूज),क्रिटिकल केयर एवं इमरजेंसी में सिमुलेशन आधारित क्षमता निर्माण कार्यक्रम का शुभारंभ। डॉ.एसएन मेडिकल कॉलेज,जोधपुर में तीन दिवसीय “एम्पावर-सिम : क्रिटिकल केयर एवं इमरजेंसी में सिमुलेशन आधारित क्षमता निर्माण कार्यक्रम (26–28 सितम्बर) का शुभारंभ हुआ।

यह कार्यक्रम डॉ.एसएन मेडिकल कॉलेज द्वारा आयोजित और इंडियन एसोसिएशन ऑफ स्किल एंड सिमुलेशन इन हेल्थकेयर (IASSH) के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। इस पहल को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), एम्स जोधपुर,राजस्थान सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग (जयपुर) एवं परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग, राजस्थान सरकार का सहयोग प्राप्त है।

कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में विशिष्ट अतिथियों में शामिल थे।
• प्रो.(डॉ.) जीडी पुरी,कार्यकारी निदेशक,एम्स जोधपुर
• प्रो.(डॉ.) एमके असेरी,कुलपति, मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी
• डॉ.अशोक कलवार,सदस्य, राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC)
• प्रो.(डॉ) बीएस जोधा,प्राचार्य एवं नियंत्रक,डॉ.एसएन मेडिकल कॉलेज
• डॉ.अनुराग सिंह,अतिरिक्त प्राचार्य, डॉ.एसएन मेडिकल कॉलेज
• डॉ.एफएस भाटी,अतिरिक्त प्राचार्य एवं अधीक्षक,एमजीएच
• डॉ.मोहन मकवाण,अधीक्षक, उम्मेद अस्पताल।

उद्घाटन अवसर पर प्रो.(डॉ) जीडी पुरी ने कहा कि “सिमुलेशन अब वैकल्पिक नहीं रहा,बल्कि यह स्वास्थ्यकर्मियों को गंभीर परिस्थितियों में प्रभावी ढंग से प्रशिक्षित करने और रोगी सुरक्षा से समझौता किए बिना उन्हें सक्षम बनाने का अनिवार्य साधन है।”
डॉ.अशोक कलवार ने कहा कि “एम्पावर-सिम जैसे कार्यक्रम न केवल शिक्षकों की क्षमता बढ़ाएंगे बल्कि मेडिकल ग्रेजुएट्स को अधिक दक्ष और करुणाशील चिकित्सक बनाकर समाज की सेवा हेतु तैयार करेंगे।

कार्यक्रम के पहले दिन सिम्युलेटेड पेशेंट प्रोग्राम एवं TADSK (ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट ऑफ स्किल्स एंड नॉलेज) मॉड्यूल्स आयोजित हुए, जिनमें संरचित शिक्षण,संवाद और फेसीलिटेशन स्किल्स पर ध्यान केंद्रित किया गया। दूसरे दिन उच्च तकनीक वाले सिमुलेटरों की मदद से प्रतिभागियों ने इमरजेंसी एवं क्रिटिकल केयर की वास्तविक परिस्थितियों का अभ्यास किया।
प्रतिभागियों में प्रदेशभर के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों से कौशल एवं सिमुलेशन केन्द्रों के प्रभारी, मेडिकल एजुकेशन यूनिट्स (MEU) एवं पाठ्यक्रम समितियों के सदस्य शामिल थे,ताकि सीधे सिमुलेशन- आधारित प्रशिक्षण लागू करने वाले शिक्षकों की सहभागिता सुनिश्चित की जा सके।

समापन दिवस पर राष्ट्रीय स्तर की पैनल चर्चा आयोजित होगी,जिसमें देशभर के प्रमुख सिमुलेशन केन्द्रों के विशेषज्ञ चुनौतियों,बाधाओं और सतत क्षमता निर्माण के व्यावहारिक समाधानों पर विचार-विमर्श करेंगे। उद्घाटन समारोह का एक महत्वपूर्ण आकर्षण IASSH की आधिकारिक वेबसाइट का लोकार्पण रहा,जो प्रो. (डॉ) जीडी पुरी,प्रो.(डॉ) एमके असेरी,डॉ.अशोक कलवार,प्रो.(डॉ) बीएस जोधा,डॉ.अनुराग सिंह,डॉ. एफएस भाटी व डॉ.मोहन मकवाना द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। यह पोर्टल सिमुलेशन कार्यक्रमों की जानकारी और शैक्षिक संसाधन उपलब्ध कराएगा।

जोधपुर-मऊ-जोधपुर वीकली फेस्टिवल स्पेशल ट्रेन आज से

प्रो.(डॉ)एमके असेरी ने कहा कि सिमुलेशन क्षमता निर्माण आधुनिक चिकित्सा प्रशिक्षण को उन्नत करने और रोगी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत आवश्यक है। प्रो.(डॉ) बीएस जोधा ने इसे जोधपुर की चिकित्सा शिक्षा में अग्रणी भूमिका का प्रतीक बताया।

डॉ.नवीन पालीवाल,अध्यक्ष IASSH एवं आयोजन सचिव ने कहा कि “सिमुलेशन कोई तकनीक नहीं, बल्कि एक पद्धति है जो सुरक्षित एवं संरचित शिक्षण का वातावरण उपलब्ध कराती है। यह शिक्षार्थियों को अभ्यास करने,त्रुटियों से सीखने और बेहतर बनने का अवसर देती है।” उन्होंने बताया कि एम्पावर-सिम का दीर्घकालिक लक्ष्य भारत में प्रशिक्षित सिमुलेशन शिक्षकों का समूह तैयार करना है। डॉ.पूजा बिहानी,सचिव IASSH एवं आयोजन सचिव ने कहा कि यह कार्यक्रम CBME सिद्धांतों से जुड़ा हुआ है और सुरक्षित एवं प्रभावी स्वास्थ्य सेवा संस्कृति को सुदृढ़ करने की दिशा में सामूहिक प्रयास है।

कार्यक्रम का संचालन डॉ.जयराम रावतानी,एग्ज़ामिनर कंट्रोलर, मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी ने किया तथा इसके सुचारू आयोजन में राकेश व्यास,समन्वयक एवं नर्सिंग इंचार्ज,नेशनल इमरजेंसी लाइफ सपोर्ट ट्रेनिंग सेंटर,डॉ.एस. एन.मेडिकल कॉलेज,का विशेष सहयोग रहा।एम्पावर-सिम अपनी शैक्षिक गतिविधियों,कौशल विकास, IASSH वेबसाइट के माध्यम से संसाधन साझा करने और विशेषज्ञों की चर्चाओं के समन्वित स्वरूप के कारण चिकित्सा शिक्षा एवं रोगी देखभाल के क्षेत्र में एक मील का पत्थर सिद्ध होगा।