जोधपुर: आफरी कार्यशाला में भारतीय वन सेवा अधिकारियों का दौरा
जोधपुर(डीडीन्यूज),जोधपुर: आफरी कार्यशाला में भारतीय वन सेवा अधिकारियों का दौरा। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से भावाअशिप शुष्क वन अनुसंधान संस्थान (आफरी)जोधपुर में 06 से 08 अगस्त तक कार्यशाला आयोजित की जा रही है।
इस कार्यशाला में समस्त भारत वर्ष से आए भारतीय वन सेवा अधिकारियों हेतु 3 दिवसीय कार्यशाला के तहत प्रतिभागियों ने क्षेत्रीय तकनीकी सत्र के अंतर्गत 07 अगस्त को,लुनावास भाखर जोधपुर अवक्रमित पहाड़ी क्षेत्र पुनरुद्धार हेतु आफरी द्वारा किये गए कार्यो की जानकारी प्राप्त की।
निदेशक आफरी डॉ.तरुण कान्त ने इस माडल को आफरी द्वारा किया गया वैज्ञानिक नवाचार,सामुदायिक सहभागिता व सतत प्रयासों का एक उत्कृष्ट उदाहरण बताया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार दृढ़ संकल्प से अवक्रमित क्षेत्रों को भी पुनः हरा-भरा बनाया जा सकता है।
भ्रमणकारी दल को 12 हेक्टेयर क्षेत्र मे गड्ढे बनाने के लिए ड्रिलिंग व ब्लास्टिंग तकनीक,वर्षाजल संचयन के लिए संरचनाओं का निर्माण एवं मृदा उपचार के लिए गोबर की खाद, हाइड्रोजैल और सीवेज अवशिष्ट का प्रयोग,स्थानीय प्रजातियों का चयन जिनमे नीम,बेर,इन्द्रोक,गुंदी, सरगुआ व गुग्गुल के कुल 3,600 पौधे लगाने की विभिन्न तकनीक को भावना शर्मा,वैज्ञानिक ई,आफरी ने विस्तार से बताया।
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करणाराम चौधरी,सीटीओ ने स्थानीय समुदाय की जागरूकता, सहभागिता तथा पौधों की सुरक्षा के लिए सामाजिक बाड़बंदी सुनिश्चितता की महता पर प्रकाश डाला। इस पहल से 3 साल से भी कम समय में ही बंजर पहाड़ी हरीभरी हो गई,जैव-विविधता में वृद्धि और मिट्टी की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ।
वर्ष 2020 में आफरी ने जोधपुर से 33 किलोमीटर दूर बंजर पहाड़ी लूणावास-भाकर क्षेत्र का चयन कैम्पा द्वारा वित्तपोषित अखिल भारतीय समन्वित शोध परियोजना संख्या 24 के तहत किया गया। क्षेत्रीय भ्रमण कार्यक्रम के प्रभारी आरके गुप्ता,सीटीओ थे।