जोधपुर रेंज पुलिस ने 7-8 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर मादक पदार्थों के किंगपिन को पकड़ा
- नेपाल की होटल पर दबिश दी गई
- 50 हजार का इनाम था घोषित
- 2018 से पैरोल से फरार होकर बना तस्कर
- ग्राहक बन कर पहुंची पुलिस
जोधपुर,जोधपुर रेंज पुलिस ने 7-8 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर मादक पदार्थों के किंगपिन को पकड़ा।जोधपुर रेंज पुलिस ने मादक पदार्थों की तस्करी के एक किंगपिन को पकडऩे में सफलता हासिल की है,जो वर्ष 2018 से पैरोल पर फरार था।
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उस पर वर्ष 2010 में हत्या का केस दर्ज था। वह छह साल से राजस्थान के बाहर रह कर अपना मादक पदार्थ तस्करी का नेटवर्क चला रहा था। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के साथ ही बड़े नेटवर्क पर अब रोक लगा दी अथवा नेस्तनाबूद कर दिया है। तकनीक का जानकार इस तस्कर को पकड़ने के लिए पुलिस को सात आठ हजार किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ी। आखिरकार नेपाल की एक होटल से पकड़ा गया।
जोधपुर रेंज पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि बीरमाराम उर्फ बीरमराम को गिरफ्तार किया है। वह अपने छद्म नाम जगाराम से पकड़ा गया है। आरोपी बीरमाराम उर्फ बीरमराम पर वर्ष 2010 में हत्या का प्रकरण दर्ज हुआ था। वह वर्ष 2018 में जेल से पैरोल पर रिहा होने के बाद फरार हो गया और छह साल से अपना कृतित्व और व्यक्तित्व बदल कर फरारी काट रहा था। उसकी गिरफ्तारी के लिए 50 हजार का इनाम भी घोषित किया गया था। मगर वह हाथ नहीं लग रहा था।
तकनीकि गजट का बेजा इस्तेमाल
आईजी विकास कुमार के अनुसार आरोपी बीरमाराम उर्फ बीरमराम बड़ा ही शातिर दिमाग वाला है। वह राजस्थान से फरार होने के बाद झारखंड बिहार और नेपाल तक पहुंच गया। वह हर बार नई तकनीकि का इस्तेमाल करता था। कोई भी नया फोन या सिम खरीदने के बाद एक बार इस्तेमाल कर तोड़ देता था। हर बार अपनी जगह बदलने के साथ ऐशो आराम की जिंदगी जी रहा था।
बैंक खातों में हो रहे थे बड़े स्तर पर ट्रांजेक्शन
उस पर बराबर नजर रखी जा रही थी मगर बीरमाराम उर्फ बीरमराम ने अपना छद्म नाम जगाराम रख लिया था। मादक पदार्थोँ की तस्करी के उसके नाम से कई बड़े स्तर पर ऑन लाइन ट्रांजेक्शन हो रहे थे जो बीरमाराम के खाते में हो रहे थे मगर यह वही है इसका पता लगाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा था।
तीन माह से पुलिस चला रही ऑपरेशन
आरोपी को पकडऩे के लिए जोधपुर रेंज की साइक्लोनर टीम का पिछले तीन माह से ऑपरेशन जारी था। आखिरकार उसे पकडऩे में सफलता मिल गई। पुलिस जब जब उसके पीछे लगती तो वह हर बार छकाता हुआ आगे निकल जाता था। पुलिस उसकी तलाश में बिहार के पटना गई तो पता लगा कि वह वहां से निकल कर लंबी यात्रा पर गया है। उसके जबलपुर होटल पर होने की जानकारी मिली। मगर वह बाद में वहां से भी निकल गया।
होटल के सफाईकर्मी से मिला बड़ा सुराग
जिस होटल में वह ठहरा हुआ था, वहां पुलिस पहुंची तो मालूम हुआ कि वह नेपाल गया है और एक सफाई कर्मी ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वह किसी बड़े मुनाफे की बात कह रहा था। नेपाल से माल मंगवाने के लिए झारखंड के रास्ते राजस्थान में अच्छे दामों में बेच सकते हैं। इसके लिए सफाईकर्मी को भी प्रलोभन दिया गया था।
ग्राहक बनकर पहुंची पुलिस
आरोपी को पकडऩे के लिए पुलिस को आखिरकार उसका पुख्ता सबूत मिलने पर जिस होटल में वह ठहरा था वहां पुलिस पहुंची मगर ग्राहक बनकर जाना पड़ा। उसे विश्वास में लिया गया और कहा गया कि राजस्थान से आए हैं। हालांकि उसने अपना छद्म नाम जगाराम से बना आधार कार्ड आदि दिखाए। मगर जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने अपना असली आधार कार्ड दिखाया। इस पर उसे दस्तयाब कर आज सुबह जोधपुर लाया गया है।
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धनाउ पुलिस को सौंपा जाएग
आईजी विकास कुमार ने बताया कि आरोपी बीरमाराम उर्फ बीरमराम को अब बाड़मेर की धनाउ पुलिस को सौंपा जाएगा। उससे गहनता से पड़ताल की जाएगी। कई बड़े राज खुलने के साथ तस्करी के और बड़े नेटवर्क का पता लग सकेगा। उसके पकड़े जाने के साथ ही एक बड़े तस्करी नेटवर्क को नेस्तनाबूद करने मेेंं सफलता मिली है।