जल जीवन मिशन: राजस्थान को 2,345 करोड़ रुपए जारी

उम्मीद है राज्य सरकार ‘मिशन’ से जुड़े कार्यों को तीव्रता से लागू कर लाखों ग्रामीण घरों में नल से शुद्ध जल पहुंचाएगी – शेखावत

दिल्ली, राजस्थान में जल जीवन मिशन में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य को 2,345 करोड़ रुपए का केंद्रीय अनुदान दिया है। राज्य को वर्ष 2021-22 के लिए 10,180.50 करोड़ रुपए का केंद्रीय कोष आवंटित किया गया, जो वर्ष 2020-21 के दौरान दिए गए फंड का लगभग चार गुना ज्यादा है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्य को हरसंभव सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि उम्मीद है राजस्थान सरकार ‘मिशन’ से जुड़े कार्यों को तीव्रता से लागू कर राज्य के लाखों ग्रामीण घरों में नल से शुद्ध पेयजल पहुंचाने के काम में तेजी लाएगी।

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुशंसा पर राजस्थान के लिए यह राशि मंजूर की गई है। जल जीवन मिशन देशभर में तीव्र गति से कार्यान्वित किया जा रहा है। उद्देश्य है कि साल 2024 तक देश के सभी ग्रामीण परिवारों को घरों पर ही नल से शुद्ध पेयजल मिलने लगे। मिशन को तय समय पर पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने धन और संसाधनों की पूरी व्यवस्था की है। शेखावत ने कहा कि हम नहीं चाहते भारत की बेटियों को पानी के लिए भटकना पड़े। हम हर घर नल से जल का संकल्प पूरा किए बगैर नहीं रुकेंगे।

21.71 लाख घरों में पहुंच रहा नल से जल

शेखावत ने बताया कि वर्तमान में राजस्थान के 101.32 लाख ग्रामीण आवासों में से 21.71 लाख (21.4%) घरों में नल कनेक्शन लग चुके हैं। वर्ष 2019 में जल जीवन मिशन की घोषणा के बाद से अब तक लगभग 9.97 लाख घरों को नल कनेक्शन उपलब्ध कराया जा चुका है। राज्य के समक्ष वर्ष 2024 तक शेष 80 लाख घरों में नल से जल की आपूर्ति का प्रावधान करने का एक बड़ा लक्ष्य है।

राज्य में 54 जल परीक्षण प्रयोगशालाएं

शेखावत ने बताया कि सार्वजनिक स्वास्थ्य पर जोर देते हुए देश में 2000 से अधिक जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाएं आमजन के लिए खोली गई हैं, ताकि वे जब चाहें नाममात्र की कीमत पर अपने पानी के नमूनों की जांच करवा सकें। राजस्थान में ऐसी 54 जल परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं।

57,285 स्कूलों में नल से जल

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में नल से जल, मध्यान्ह भोजन पकाने, हाथ धोने और शौचालयों में उपयोग के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। अब तक राजस्थान के 57,285 स्कूलों (66.44%) और 28,186 (53%) आंगनबाड़ी केंद्रों में नल के जल की आपूर्ति की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य जल्द से जल्द इन संस्थानों में पाइप से जलापूर्ति की व्यवस्था करे।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा

शेखावत ने बताया कि वर्ष 2021-22 में 15वें वित्त आयोग के अनुदान के रूप में राजस्थान को ग्रामीण स्थानीय निकायों/पीआरआई को पानी और स्वच्छता के लिए 1,712 करोड़ आवंटित किए गए। ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए अगले पांच वर्षों (वर्ष 2025-26) तक 9,032 करोड़ रुपए का फंड सुनिश्चित किया गया है। केंद्र सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि ग्रामीण घरों में जलापूर्ति में धन की कमी न हो। शेखावत ने कहा कि राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में इस विशाल निवेश से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। गांवों में आय सृजन के अवसर पैदा होंगे।

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