- ऑपरेशन फ्लश आउट के खत्म होने की अवधि के तीन दिन पहले रात को चला सर्च अभियान
- जेल प्रशासन द्वारा पर्दा डाले जाने का संदेह, 17 मोबाइल, चार्जर व सिमे जब्त
जोधपुर, देश भर में सुर्खिया बटोरने वाली जोधपुर जेल इस बार फिर से चर्चा में है। सबसे बड़ी बात है राजस्थान जेलों के मुखिया का गत वर्ष नवंबर से जेलों में फ्लश आउट अभियान चलाया जा रहा है। इसकी अवधि को बढ़ाकर 28 फरवरी किया गया था। राजस्थान की जेलों से कई मोबाइल जब्त किए गए थे।
जोधपुर केंद्रीय कारागार में भी लगाता सर्च चला और मोबाइल आदि निषिद्ध साम्रगी जब्त की गई। मगर बुधवार की रात को फिर से अचानक हुए सर्च अभियान ने जोधपुर जेल की पोल खोल दी सर्च अभियान में लाखों के मोबाइल मिलने से कमिश्नरेट पुलिस खुद सकते में है।
अब सवाल यह है कि ऑपरेशन फ्लश आउट के चलते जेल में एक साथ बड़ी मात्रा में मोबाइल, चार्जर, कीपेड फोन आए कहां से? इसमें कोई संदेह नहीं है कि जेल प्रशासन इस पर अब पर्दा डालने की जुगत में है। कई जेल प्रहरियों पर गाज गिर सकती है, इस बारे में अभी कहा नहीं जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक सर्च अभियान जेल प्रशासन की तरफ से चलाया गया। मगर क्रेडिट कमिश्ररेट पुलिस के खाते में आ गया है।
जेलों के मुखिया डीजीपी राजीव दासौत ने मेहनत व श्रम से राजस्थान की जेलों में बैठे हार्डकोर अपराधियों को बड़ी जेलों में अन्यत्र शिफ्ट करवाया था। ऑपरेशन फ्लश आउट के तहत आगाज 21 नंवबर 20 से शुरू किया था। लगातार जेलों में सर्च कर कई मोबाइल राजस्थान की जेलों से जब्त किए थे। जेल डीजीपी राजीव दासौत के अनुसार इंडिया जस्टिस रिपोर्ट में राजस्थान की जेलों को देशभर में प्रथम स्थान हाल ही में मिला था।
यह बात भी दीगर है कि ऑपरेशन फ्लश आउट की समय सीमा बढ़ाकर 28 फरवरी तक कर दी गई थी। पिछले पंद्रह दिनों में जोधपुर जेल में कोई निषिद्ध सामग्री नहीं मिली। मगर अब जबकि ऑपरेशन फ्लश आउट की अवधि खत्म होने में सिर्फ तीन दिन बाकी है तो रात को अचानक से जोधपुर जेल में सर्च अभियान चलाकर जेल प्रशासन ने एक बड़ी मात्रा में मोबाइल बरामद कर लिए। जेल प्रशासन कई अधिकारी व प्रहरी भी इसकी चपेट में आ सकते है। पहले भी जेल डीजीपी की तरफ से कई कार्मिकों को बर्खास्त के साथ निलंबित भी किया जा चुका है।
17 मोबाइल, चार्जर व सिमें मिली
एडीसीपी पूर्व भागचंद ने बताया कि रात को सूचना मिली कि जोधपुर केंद्रीय कारागार में रेड दी जाए तो निषिद्ध सामग्री मिल सकती है। इस पर वे और रातानाडा थानाधिकारी लीलाराम आदि वहां पहुंचे। जब ये लोग वहां पहुंचे तो पता लगा कि जेल प्रशासन ने पहले से ही सर्च चला दिया है। विचाराधीन बंदियों की बैरकों 4, 7 एवं 10 में तलाशी के समय 17 मोबाइल, चार्जर एवं इतनी सिमें मिली थी। बाद में पुलिस की तरफ से भी अन्य वार्डों में तलाशी ली गई।ज्यादातर फोन एंड्राइड है। एडीसीपी भागचंद ने बताया कि घटना को लेकर जेल अधीक्षक की तरफ से रातानाडा थाने में अज्ञात शख्स के खिलाफ रिपोर्ट दी गई है। मोबाइल लावारिश हालत में मिलना बताया गया है। इनको कौन कौन काम में ले रहे थे, इस बारे में सिमों से पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
उपकारापाल का तबादला
केंंद्रीय कारागार में बुधवार की रात को मिले एक साथ काफी मात्रा मेें मोबाइल के बाद जेल महानिरीक्षक की तरफ से आदेश जारी कर जोधपुर केंद्रीय कारागार में लगे उपकारापाल सद्दाम हुसैन का तबादला जोधपुर जेल से कोटा में किया गया है। हालांकि जेल प्रशासन का इसमें कहना है कि तबादला रूटिन कार्रवाई के तहत किया गया है। जेल में मिले मोबाइल से इसका कोई लेना देना नहीं है।