आईआईटी ने विकसित की घरों में शुद्ध हवा के लिए डिवाइस

हानिकारक विषाणुओं को निष्क्रिय करता है डिवाइस

जोधपुर,आईआईटी ने विकसित की घरों में शुद्ध हवा के लिए डिवाइस।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर के शोधकर्ताओं ने घर के अन्दर बेहतर वायु गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नवीन कोल्ड-प्लाज्मा डिटर्जेट इन एनवायरनमेंट (कोड) डिवाइस को विकसित किया है। शोध में इस डिवाइस की व्यापक रूप से जांच की गई है जिसमें यह सामने आया है कि यह डिवाइस 99.99 प्रतिशत से अधिक हानिकारक विषाणुओं को निष्क्रिय करती है और उच्च गुणवत्ता वाली इंडोर वायु प्रदान करती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वायु प्रदूषण मुख्य रूप से पुरानी बीमारियों के खतरों को बढ़ाने के पांच कारणों में से एक है। हम भोजन की तुलना में आठ गुना अधिक और पानी की तुलना में चार गुना अधिक ऑक्सीजन या हवा को ग्रहण करते हैं। इंडोर ऑक्सीजन में आमतौर पर बाहरी हवा की तुलना में लगभग 2-5 गुना अधिक प्रदूषण होता है। आजकल सिक बिल्डिंग सिंड्रोम भी एक चुनौतीपूर्ण मुद्दा है। इनके अलावा हवा में रहने वाले रोगाणु से होने वाला संक्रमण भी वर्तमान में एक बड़ी चुनौती है। लगभग हर साल हम देख रहे हैं कि एक नये बैक्टीरिया या वायरस की उत्पत्ति हो रही है जिससे बीमारियां और महामारी उत्पन्न हो रहीं है। वर्तमान में उपलब्ध इंडोर वायु शुद्धिकरण उपकरणों द्वारा लम्बे समय तक जीवित रहने वाले विषाणुओं और छोटे आकार के एयरोसोल्स को प्रभावी तरीके ख़त्म नहीं किया जा सकता है। घर के वातावरण में वायु जनित रोगाणुओं व विषाणुओं के संक्रमण के जोखिमों को कम करने के लिए आईआईटी जोधपुर के प्रोफेसर डॉ.राम प्रकाश,डॉ.अंबेश दीक्षित, रामावतार जांगड़ा,किरण आहलावत द्वारा एक नॉवेल कोल्ड-प्लाज्मा डिटर्जेंट इन एनवायरनमेंट कोड डिवाइस विकसित की गई है। जिसके परिणाम हाल ही में नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित किए गए हैं।

इस तकनीक पर आधारित इंडोर एयर स्टेरलाइजर्स का निर्माण दिव्या प्लाज्मा सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। यह एक स्टार्टअप कंपनी है जो आईआईटी जोधपुर टेक्नोलॉजी इनोवेशन और स्टार्टअप सेंटर (टीआईएससी) द्वारा संचालित है। इस कंपनी का उद्देश्य घर के वातावरण में वायु जनित रोगाणुओं को निष्क्रिय करना और संक्रमण के जोखिमों से एक साथ निपटना है साथ ही दूषित जगहों पर हवा को शुद्ध करना है। यह नॉवेल कोड डिवाइस प्रकृति के सामान वातावरण में ठंडे प्लाज्मा डिटर्जेंट आयनों के साथ सकारात्मक आयनों की उचित मात्रा उत्पन्न कर रहा है। नोबेल पुरस्कार विजेता पॉल क्रूट्जेन ने वातावरण का डिटर्जेंट शब्द को मुद्रित किया था और यह बिलकुल वैसा ही है और इसके लिए नोवेल कोड डिवाइस सक्षम है। इस स्टार्टअप कंपनी के प्रमोटर प्रोफेसर राम प्रकाश इस तकनीक के मुख्य आविष्कारक भी हैं और यह अनिल सपरा,बीना सपरा,प्रदीप जैन और कुछ अन्य लोगों द्वारा संचलित किया जा रहा है।

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डिवाइस की यह है उपयोगिता 
आईआईटीजे की नॉवेल कोड प्रौद्योगिकी पर्यावरण में कोल्ड प्लाज्मा डिटर्जेंट (डिटर्जेंट की प्रसिद्ध प्रकृति) उत्पन्न करती है जिसमें आवश्यक मात्रा में विशिष्ट आयन होते हैं। इस तकनीक में सक्रिय आयन 25 सेकंड से अधिक समय तक क्रियाशील रहते हैं ताकि लम्बे समय तक जीवित रहने वाले रोगाणुओं को प्रभावी रूप से निष्क्रिय किया जा सके। यह तकनीक वातावरण में आवश्यक अर्ध-तटस्थ विद्युत वातावरण का उत्पादन करती है ताकि प्रकृति के समान पॉजिटिव एवं नेगेटिव चार्ज को संतुलित किया जा सके और एयरोसोल में हानिकारक रोगाणुओं को नष्ट करने के लिए हवा को स्थानीय क्षेत्रों में भी उत्पन्न किया जा सके। यह तकनीक विद्युत खपत काफी कम करती है और बैक्टीरिया, फंगस व वायरस को निष्क्रिय करता है। धूल और पराग कणों को आसानी से पकड़ता है व दुर्गंध को दूर करता है। यह नई तकनीक कार्यालयों, घरों, सार्वजनिक स्थानों, स्वास्थ्य सुविधाएं, स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, बड़े शॉपिंग मॉल, वाणिज्यिक इमारतें, टैक्सियां, ट्रेनें, सिनेमा हॉल, सम्मेलन हॉल, विवाह हॉल आदि के लिए काफी आकर्षक है और यह तकनीकी गुणवत्ता से भरपूर एक शुद्ध वातावरण प्रदान कर सकती है।

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