जोधपुर, कोरोना की सुनामी में कई परिवार अपने प्रियजनों को गंवा चुके हैं। अपनों को सदा के लिए खोने के बाद उपजी पीड़ा के बीच कोरोना प्रोटोकाल से अंतिम संस्कार भी बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य है। ऐसे परिवारों के लिए हिन्दू सेवा मंडल तारणहार बन सामने आया है। मंडल की तरफ से 300 से अधिक संक्रमितों का दाह संस्कार किया जा चुका है। मंडल की तरफ से अब एक अस्थि बैंक की स्थापना की गई है। इसमें मृतक की अस्थियों को जमा करवाया जा सकता है। लॉकडाउन खुलने पर वे यहां से उसे ले जा सकते है।
जोधपुर में हिन्दू सेवा मंडल का इतिहास करीब सौ वर्ष पुराना है। सौ वर्ष पूर्व स्पेनिश फ्लू से बड़ी संख्या में लोगों ने दम तोड़ा था। उस दौर में लोगों की मदद के लिए पांच लोगों ने पहल कर संकट में घिरे लोगों को मदद के रूप में दाह संस्कार का कार्य शुरू किया था। यह परम्परा सेवा में बदल चुकी है। मंडल प्रति वर्ष करीब 200 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करवाता आया है। कोरोना काल में भी हिन्दू सेवा मंडल ने विशेष पहल की। जब संक्रमित लोगों के शव के पास उनके परिजन तक जाने से घबराने लगे तो मंडल के कार्यकर्ता इस मामले में लोगों की मदद करने को आगे आए।
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हिन्दू सेवा मंडल के सचिव विष्णु प्रजापत ने बताया कि कोरोना काल में लोगों की दिक्कतों को ध्यान में रख हमारे कार्यकर्ताओं ने पहल की। अब तक हम लोग 300 से अधिक कोरोना संक्रमित शवों का दाह संस्कार करवा चुके हैं। उनमें से बड़ी संख्या में लोगों की अस्थियां हमारे पास सुरक्षित रखी हुई हैं। कुछ लोग अस्थियां ले जा चुके हैं। लोगों की दिक्कतों को ध्यान में रख हमने अब एक अस्थि बैंक शुरू किया है। किसी भी स्थान पर दाह संस्कार करवाने के बाद परिजन अस्थियों को हमारे पास जमा करवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें एक टोकन प्रदान किया जाएगा। और लॉकडाउन खुलने पर वे इन्हें वापस ले जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि महामारी को ध्यान में रख हमने अधिक संख्या में दाह संस्कार करने के लिए अतिरिक्त लकड़ीय़ों की व्यवस्था कर रखी है। हमारे पास पर्याप्त भंडार है।