केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की याचिका पर हाईकोर्ट एकलपीठ ने सुनवाई से किया इंकार

जोधपुर,संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव को लेकर राजस्थान में सियासत चरम पर पहुंच चुकी है। इस मामले को लेकर सीएम गहलोत व केंद्रीय मंत्री शेखावत आमने-सामने हैं। एक ओर जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत न केवल केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत बल्कि उनके परिवार के लोगो के इस मामले में अभियुक्त होने का सार्वजनिक बयान दे चुके हैं तो वहीं दूसरी ओर शेखावत ने दिल्ली कोर्ट में सीएम गहलोत के खिलाफ मानहानि का दावा ठोक दिया है। इस बीच निवेशकों द्वारा पूर्व में पेश परिवाद के आधार पर प्रदेश भर में संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव पर धड़ाधड़ मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं।

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सीएम गहलोत द्वारा सार्वजनिक बयान दिए जाने के बाद शेखावत की ओर से साल 2019 में एसओजी में दायर 32 नम्बर एफआईआर के विरुद्ध एक विविध आपराधिक याचिका राजस्थान हाईकोर्ट मुख्य पीठ में गत माह में पेश की थी।

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जस्टिस प्रवीर भटनागर की कोर्ट ने सुनवाई से किया इंकार
इस मामले में आज शेखावत की याचिका हाईकोर्ट जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकलपीठ में मुख्यवाद सूची में क्रम संख्या 181 पर सूचीबद्ध थी लेकिन जस्टिस प्रवीर भटनागर की कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई से इनकार करते हुए मामले को दूसरी कोर्ट में सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है। पूर्व में जस्टिस मनोज गर्ग की कोर्ट ने भी सुनवाई से इनकार कर दिया था। इस मामले में पूर्व में यह याचिका हाईकोर्ट जस्टिस मनोज गर्ग की कोर्ट में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हुई थी लेकिन तत्कालीन समय में जस्टिस मनोज गर्ग की कोर्ट ने भी सुनवाई से इनकार कर दिया था।

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क्यो इंकार कर देती है कोर्ट सुनवाई से?
विधि विशेषज्ञ अधिवक्ता अभिषेक शर्मा (दाधीच ) ने बताया कि जब किसी याचिकाकर्ता से जस्टिस परिचित रहे हैं या याचिकाकर्ता के अधिवक्ता जस्टिस के रिश्तेदार हो तो ऐसे में कोर्ट उन मामलों में सुनवाई से इंकार कर देती है। किसी मामले में सुनवाई न करना कोर्ट के स्वविवेक पर निर्भर है।

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किस की तरफ से कौन आया कोर्ट पैरवी करने
आज मामले में लंबित सुनवाई में शेखावत की ओर से पैरवी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह व एडवोकेट युवराजसिंह तथा आदित्य विक्रमसिंह कोर्ट पहुंचे थे। यूनियन ऑफ इंडिया व मल्टी कॉपरेटिव सोसाइटी की ओर से पैरवी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता व एएसजी ऐश्वर्या भाटी कोर्ट पहुंची थी। इसके अलावा संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव की ओर से एडवोकेट धीरेंद्र दासपा व सरकार की ओर से पैरवी करने अतिरिक्त महाधिवक्ता पहुंचे थे लेकिन आज मामले में सुनवाई नही हो पाई।

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क्या है संजीवनी घोटाला 
राजस्थान के बहुचर्चित संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी पर बड़ा घोटाला करने का आरोप लगाया गया है। एक अंदाजन माने तो  यह घोटाला करीब 900 करोड रुपए का घोटाला है। लोगो ने अपने जीवन भर की मेहनत की गाढ़ी कमाई संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी में निवेश कर दी थी लेकिन इस घोटाले के बाद निवेशकों के पैसे डूब गए। इस मामले को लेकर साल 2019 के अगस्त महीने में एसओजी में सोसाइटी के खिलाफ घोटाले का मामला एफआईआर संख्या 32 के रूप में दर्ज किया गया। इस मामले में एसओजी अब तक सोसायटी के कई लोगो को गिरफ्तार कर चुकी है। सोसाइटी के मुखिया विक्रम सिंह इंद्रोई समेत कई मुख्य लोग भी जेल में हैं। इस मामले में गहलोत बार-बार केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम लेकर बयान दे चुके हैं। एसओजी केंद्रीय मंत्री के करीबी सीए और कुछ लोगों को भी गिरफ्तार कर चुकी है।

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