बीमा कंपनियों से मिलीभगत कर लगा रहे सरकार को करोड़ों की चपत
- फसल बीमा योजना
- खनन भूमि पर बता रहे फसल की कटाई छंटाई
- सरपंच ने कुछ लोगों के खिलाफ दी रिपोर्ट
जोधपुर,बीमा कंपनियों से मिलीभगत कर लगा रहे सरकार को करोड़ों की चपत।मनरेगा के बाद गांवों में फसल बीमा योजना से जुड़े घोटाले सामने आने लगे हैं। कई लोगों ने कभी खेत में खुर्पि भी नहीं चलाई होगी ऐसे फसल बीमा योजना का लाभ उठा रहे हैं। बीमा कंपनियों के कर्मचारियों के साथ मिली भगत कर राज्य सरकार को करोड़ों की चपत लगाई जा रही है। जोधपुर के लूणी थाना क्षेत्र के सतलाना गांव के कुछ लोगों के खिलाफ फसल बीमा योजना के नाम पर फर्जी क्लेम उठाने के मामले दर्ज हुए हैं। गांव की सरपंच को पता लगा तो अब उन्होंने इस बाबत लूणी थाने में दो प्रकरण दर्ज करवाए हैं।
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लूणी के सतलाना गांव मोडी की सरपंच तारा सीरवी की तरफ से मामले दर्ज करवाए गए। इसमें बताया कि गांव का रहने वाला सरकारी नौकरी करने वाला कर्मचारी कृपाराम और जोधपुर शहर के खांडाफलसा थानान्तर्गत डबगरों की गली निवासी जुगल सांखला ने बीमा कंपनियों से मिलीभगत कर फसल बीमा योजना के तहत फर्जी तरीके से क्लेम को उठाया है। जुगल सांखला की एक जमीन सतलाना गांव में आई है। जिसके लिए खनिज का पट्टा जारी हो रखा है। जहां पर सिर्फ खनन कार्य किया जाता है। इन लोगों ने खनन भूमि को काश्तकारी भूमि बता कर फसल बीमा हालिस किया जो पूर्ण रूप से धोखाधड़ी का कृत्य है। इनके द्वारा वर्ष 2020-21 में फसल बीमा की राशि उठाई गई है। जो धोखे से उठाई गई। इसी तरह एक और प्रकरण ग्राम पंचायत सतलाना की सदस्य धर्मी देवी ने ऐसा कृत्य कर बीमा कंपनी से सांठगांठ करते हुए फर्जी तरीके से फसल बीमा की राशि को उठाया है। उनके द्वारा 52 फसलों को दर्शाया गया। जबकि जांच करने पर पता लगा कि जिस जमीन पर काश्तकारी बताई वो हर तरह से अनुपजाऊ है। वहां पर किसी तरह की खेती नहीं की जा सकती है। रिपोर्ट में आरोप है कि उक्त लोगों द्वारा बीमा कंपनियों से मिलीभगत एवं सांठगांठ कर फर्जी तरीके से फसल बीमा योजना की राशि को उठाया गया है। लूणी पुलिस की तरफ से धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर अब जांच आरंभ की गई है।
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