• मां पिता और दो बेटियों की मौत
  • देर रात तक पुलिस आयुक्त, कलेक्टर पहुंचे मौके पर
  • एफएसएल टीम साक्ष्य जुटाने में लगी
  • मृतक सुभाष चौधरी काजरी से सेवानिवृत पर्सन

जोधपुर, शहर के पाल रोड स्थित सुभाष नगर में रविवार की रात एक मकान में लगी आग से परिवार के चार लोग जिंदा जल गए। आग किन परिस्थितियों में लगी अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। यह हादसा था या फिर सुसाइड, पुलिस इसकी तस्दीक में जुटी है। देर रात तक पुलिस आयुक्त, कलेक्टर आदि मौके पर पहुंचे। घटना में पुलिस ने आरंभिक पड़ताल में लूट से इंकार किया है। चारों शव एक ही कमरे में मिले हैं जिससे पुलिस के सामने कई सवाल खड़े कर रहे हैं। यह परिवार काजरी से सेवानिवृत सुभाष चौधरी का है।

मकान में लगी आग

पुलिस उपायुक्त पश्चिम आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि सुभाष नगर पाल रोड एरिया में रहने वाले 75 साल के सुभाष चौधरी काजरी से सेवानिवृत थे। वे दस बारह साल पहले इस स्थान पर मकान पर आकर रहे थे। उनके साथ पत्नी 70 साल की नीलम, दो बेटियां 45 साल की पल्लवी और 40 साल की लवनिया साथ ही रहते थे। पल्ल्वी शहर की एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल सेंट पॉल में अध्यापन करवाती है, बायोलॉजी की टीचर थी।

मकान में लगी आग

रविवार की रात को पुलिस नियंत्रण कक्ष से सूचना मिली कि मकान में आग लगी है। इस पर शास्त्रीनगर फायर स्टेशन से दमकल की गाडिय़ों को भेजा गया। मकान चारों तरफ से बंद था और धुआं और आग निकल रही थी। बाद में देर रात तक जैसे तैसे फायरकर्मियों ने आग पर काबू पाने का प्रयास किया। तब इन सभी लोगों के जले हुए शव नजर आए।

डीसीपी वेस्ट आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि मकान चारों तरफ से बंद था ऐसे में लूट की बात नहीं की जा सकती है। अब ये सुसाइड था या कोई हादसा इस बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है। सुभाष चौधरी और उनकी पत्नी नीलम और एक बेटी लवनिया चलने फिरने में अक्षम थे। सुभाष चौधरी और पत्नी नीलम वृद्धावस्था में थे। बेटी लवनिया भी शारीरिक रूप से चलने फिरने मे अक्षम थी।

पुलिस के आलाधिकारी और जिला कलेक्टर पहुंचे

फायर कर्मियों ने जब आग को बुझाने का प्रयास किया तब जैसे तैसे काबू करने लगे। तब एक कमरे धुआं और आग बराबर निकलते रहे। मगर बाद में देखा गया तो चार शव नजर आए। जो संभवत: कंकाल में बदल चुके थे। शव मिलने की जानकारी पुलिस के आलाधिकारियों को सूचना दी गई। इस पर पुलिस आयुक्त जोसमोहन, उपायुक्त पश्चिम आलोक श्रीवास्तव, जिला कलेक्टर, एसीपी नूर मोहम्मद, शास्त्रीनगर थानाधिकारी पंकज चौधरी आदि वहां पहुंचे।

देर रात तक दमकल की गाड़ी आग पर काबू पाने के प्रयास में लगी

जिस कमरे में चारों शव मिले है वहां रह रह कर धुआं निकलता रहा। आग की लपटें भी बाहर आ रही थी। बिजली अंदर से पूरी तरह गुल हो गई थी। ऐसे में फायरकर्मियों को आग पर काबू पाने मेें भी दिक्कत हुई। देर रात तक फायर ब्रिगेड मौके पर आग को काबू पाने का प्रयास कर रही थी।

तीसरी शादीसुदा बेटी चंढ़ीगढ़ में

काजरी से सेवानिवृत सुभाष चौधरी की एक और बेटी शादीसुदा है जो चंढ़ीगढ़ में है। उसे सूचना दी गई है। वह सोमवार तक जोधपुर पहुंच जाएगी। इसके बाद आगे कार्रवाई की जा सकेगी। डीसीपी वेस्ट आलोक श्रीवास्तव के अनुसार एफएसएल टीम साक्ष्य जुटा रही है। मौके के हालात की स्थिति भी सोमवार सुबह तक स्पष्ट हो सकेगी।

घटनाक्रम शाम को हो चुका था, धुआं निकलने पर पता लग पाया

आरंभिक पड़ताल में पुलिस का मानना है कि घटनाक्रम शाम को हो चुका था। मगर जब घर से धुआं निकलने पर पीछे रहने वाले लोगों को पता लगा तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। बाद में फायर ब्रिगेड को भी बुला लिया गाय। अंदेशा है कि घटनाक्रम शाम सात से आठ बजे के आस पास शुरू हो गया था।

एक ही कमरे में शव मिलना पुलिस को कर रहा आशंकित

एक ही कमरे में सुभाष चौधरी, उनकी पत्नी नीलम, बेटी पल्लवी और लवनिया के शव मिले हैं। जो पुलिस को आशंकित कर रहे हैं। चारों एक ही कमरें में कैसे थे। शार्ट सर्किट से आग लगी तो किसी को तो बचने का कुछ मौका जरूर मिल जाता। पुलिस के इसे सुसाइड के एंगल से भी जोड़ कर देख रही है। या फिर हत्या के बाद आत्महत्या यह सवाल भी पुलिस के जहन में उठ रहा है। पुलिस एफएसएल टीम द्वारा जुटाए साक्ष्यों के आधार पर स्थिति को स्पष्ट कर पाएगी।

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