सम्राट अशोक उद्यान में लोक कलाकारों ने दी रंगारंग प्रस्तुतियां

  • राष्ट्रीय लोक नृत्य समारोह
  • विविध लोक कलाओं के बिखेरे रंग

जोधपुर(डीडीन्यूज),सम्राट अशोक उद्यान में लोक कलाकारों ने दी रंगारंग प्रस्तुतियां। राजस्थान संगीत नाटक अकादमी एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को सम्राट अशोक उद्यान स्थित ओपन एयर थिएटर में राष्ट्रीय लोक नृत्य समारोह के दूसरे दिन विभिन्न राज्यों के लोक कलाकारों ने लोक कला के रसरंगों से दर्शकों को सराबोर कर दिया।

दीप प्रज्वलन व मंगलाचरण की ध्वनियों के साथ प्रारंभ हुई गणेश वंदना ने पूरे वातावरण को ऊर्जा से भर दिया। इसके बाद मंच पर लोक रंगों की झड़ी लग गई। गुरुवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक नृत्य समारोह में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र,उदयपुर एवं उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र,पटियाला के लोक कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं।

हरियाणा के कैलाश लोहाट की घूमर प्रस्तुति ने राजस्थानी परंपरा की झलकियों को जीवंत किया,तो उत्तराखंड के राजेन्द्र सिंह टीम की छपेली की प्रस्तुति ने दर्शकों को पहाड़ों की लोक संस्कृति का एहसास कराया। पादरला की लीला देवी ने तेरहताली नृत्य से ताल और लय की जुगलबंदी प्रस्तुत की। कासम खां लंगा की आवाज़ ने लंगा गायन की विरासत को स्वर देकर साकार किया।

गुजरात से आए दीपक मकवाना ने डांडिया रास की चकाचौंध से समां बाँधा,जबकि महाराष्ट्र की सुरभि मनाले की लावणी प्रस्तुति पर तालियों की गड़गड़ाहट गूंजती रही। पादरला के मूलदास एंड पार्टी का चरी नृत्य,भरतपुर के दीपक का मयूर नृत्य और अंत में मनप्रीत सिंह का जिंदुआ,सभी ने मिलकर ऐसा सांस्कृतिक संगम रचा जिसने दर्शकों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ दी।

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दर्शक दीर्घा में बैठे कला प्रेमियों ने नृत्य और संगीत की इस बहुरंगी शाम का भरपूर आनंद उठाया। यह आयोजन न केवल लोककलाओं का प्रदर्शन था,बल्कि विविधता में एकता और संस्कृति की धरोहर को संजोने का जीवंत प्रयास भी था।