हाईकोर्ट की फटकार के डर से चेता जिला प्रशासन
जोधपुर, हाईकोर्ट की फटकार के डर से जोधपुर में लंबे समय तक ना-नुकर कर रहे जिला प्रशासन ने आखिरकार पाक विस्थापितों को सिर्फ पासपोर्ट के आधार पर वैक्सीन लगाने का काम शुरू कर दिया। खासियत की बात यह रही कि पाक विस्थापितों को एक दिन पूर्व इसकी कोई सूचना नहीं दी गई।
आज सुबह दस बजे एक टीम डाली बाई मंदिर क्षेत्र के अलकोसर में पाक विस्थापितों को वैक्सीन लगाने पहुंच गई। तब तक कई लोग अपने काम पर जा चुके थे। हालांकि सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में लोग कोरोना से सुरक्षा कवच हासिल करने को शिविर में पहुंच गए।
जोधपुर के बाहरी छोर पर आबाद 21 बस्तियों में करीब 40 हजार पाक विस्थापित निवास करते हैं। इनमें से काफी लोगों को भारतीय नागरिकता मिल चुकी है। बड़ी संख्या में अभी तक लोगों को नागरिकता मिलने का इंतजार है। ये लोग लंबी अवधि के वीजा पर भारत में निवास कर रहे हैं। इनमें से बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित भी हुए। इनके पास वीजा या पासपोर्ट के अलावा वैक्सीनेशन के दौरान दिखाने के लिए कोई प्रमाण पत्र नहीं है। ऐसे में इनको वैक्सीन नहीं लगाए जा रहे थे।
राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई शुरू की। केन्द्र सरकार ने हाईकोर्ट में साफ कहा कि उसकी गाइड लाइन में ऐसे लोगों को वैक्सीन लगाने का स्पष्ट प्रावधान है। उसके आधार पर इन लोगों को भी वैक्सीन लगाई जा सकती है। इस आधार पर जैसलमेर व बाड़मेर में पाक विस्थापितों को वैक्सीन लगाने का कार्य शुरू कर दिया गया लेकिन सबसे अधिक पाक विस्थापितों वाले जोधपुर शहर में यह कार्य शुरू नहीं हो पाया।
इस मामले में हाईकोर्ट में न्यायाधीश के अवकाश पर होने के कारण सुनवाई नहीं हो पाई। अब मामले की सुनवाई सोमवार को होगी। हाईकोर्ट में लगने वाली फटकार से बचने के लिए जिला प्रशासन ने आज आनन-फानन में पाक विस्थापितों को वैक्सीन लगाने का कार्य शुरू कर दिया। उनके पासपोर्ट को देख अब वैक्सीन लगाई जाएगी। जोधपुर के अलावा आज जैसलमेर में भी विस्थापितों के वैक्सीन लगाई जा रही है।
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यह है केन्द्र सरकार की एसओपी
देश में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनके पास आधार कार्ड नहीं है। इन लोगों के वैक्सीन लगाने में आ रही दिक्कतों का समाधान करते हुए केन्द्र सरकार ने 6 मई को एक एसओपी जारी की थी। इसके क्लॉज 5 में स्पष्ट लिखा है कि ऐसे समूह को वैक्सीन लगाने के लिए जिला स्तरीय नोडल अधिकारी अलग से शिविर आयोजित कर सकता है। इन शिविर में ऐसे लोगों को एकत्र कर वैक्सीन लगाई जा सकती है। पाक विस्थापित इसी क्लॉज में शामिल माने गए हैं।