अमरनाथ यात्रा त्रासदी के प्रत्यक्षदर्शी पहुंचे जोधपुर, सुनाया वहां का मंजर
जोधपुर,अमरनाथ यात्रा त्रासदी के प्रत्यक्षदर्शी चांदपोल निवासी गोपाल देवड़ा और उनके साथ गए हुए यात्री आज वापस दो बसों में जोधपुर पहुँचे। इससे उनके परिवार में ख़ुशी की लहर दौड़ गई। गत 30 जून को जोधपुर रातानाडा गणेश मंदिर दर्शन करके दो बसों में अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना हुई,बसें आज वापस जोधपुर पहुँच गई।
प्रत्यक्षदर्शी गोपाल देवड़ा ने बताया कि 8 जुलाई शुक्रवार के दिन जोधपुर के यात्रियों को यात्रा की अनुमति थी, सुबह 4 बजे सभी यात्री बालताल से अमरनाथ पवित्र गुफा कि तरफ़ बड़े और शाम को 5 बजे अमरनाथ महादेव के दर्शन कर लिए लेकिन वहाँ उस समय आरती की तैयारी चल रही थी तो तमाम जोधपुर के यात्रियों ने आरती करवाके वापस बालताल चलने का निर्णय लिया, ठीक उसी वक्त पवित्र गुफा के पास पहाड़ी के ऊपर से बादल फटने की वजह से जल का बड़ा सैलाब आया जिसमें बहुत बड़े-बड़े पत्थर तिनके की तरह बहते हुए नजऱ आए। मैंने गुफा की सीढिय़ों से देखा कि जिस रास्ते से हम सभी यात्री आए थे वह पुरी तरह से विलुप्त हो चुका था और जिन टेन्टों में लोग ठहरे हुए थे। वो भी पानी में बह रहे थे। मैं शब्दों में बया नहीं कर सकता, ऐसा भयानक मंजर था कई यात्री बह गए थे। कई घायल हो गए तो कई यात्री तो सैलाब में दब गए, भगवान उन सभी यात्रियों की आत्मा को शांति प्रदान करें।
कमला देवड़ा ने भी सुनाया आंखों देखा मंजर
मैंने ये भयानक मंजर अपनी आँखों से देखा लेकिन काफ़ी समय बाद मैने मेरी धर्म पत्नी कमला देवड़ा को इस बारे में बताया ,ख़ेमे का कुँआ निवासी पन्नालाल गहलोत का परिवार भी हमारे साथ था उनके साथ बच्चे भी थे, हम और हमारे साथ जितने भी जोधपुर यात्री थे हम सब बहुत घबरा गए थे, हमें कऱीब 3 घन्टे तक आर्मी वालों पवित्र गुफा में ही रखा,बाद में आर्मी वालों ने हमें रेस्क्यु किया और आज हम भोले बाबा की कृपा से ही सभी जोधपुर यात्री सुरक्षित वापस अपने-अपने घर जोधपुर पहुँच गए हैं।
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