जयपुर, पूर्व सैनिकों को आवंटित भूमि में हुई अनियमितता से निजात दिलाने के लिए सैनिक न्याय संघर्ष समिति ने सभा कर जयपुर कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। समिति के अध्यक्ष कर्नल देवानंद गुर्जर ने बताया कि सैनिक कल्याण  कार्यालय में सैनिक न्याय संघर्ष समिति के तत्वधान में राजस्थान सरकार द्वारा पूर्व सैनिकों को सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश के बावजूद 622 मुरब्बा आवंटन  में अनियमितता एवं भ्रष्टाचार  के कारण हो रही देरी एवं इनमें से 155 मुरब्बा का ओरिजिनल आवंटन रद्द करते हुए नए लोगों को आवंटित करने की कार्रवाई को राजस्थान सरकार एवं नागरिकों तक पहुंचाने के साथ  पूर्व सैनिकों  को न्याय दिलवाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण सभा का आयोजन किया गया। सभा की अध्यक्षता करते हुए समिति के अध्यक्ष कर्नल देवानंद गुर्जर राष्ट्रीय अध्यक्ष इंटरनेशनल गुर्जर महासभा ने पूरे प्रदेश से आए हुए सैकड़ों की संख्या में पूर्व सैनिक एवं पूर्व सैनिकों के परिजन का अभिनंदन करते हुए सभा की शुरुआत की समिति के प्रदेश मंत्री सार्जेंट लालाराम ने समिति के पदाधिकारियों का परिचय करवाने के साथ-साथ मुरब्बा आवंटन से जुड़ी हुई अहम जानकारियां सभा में साझा की। सूबेदार अर्जुन सिंह ने इस विषय की ऐतिहासिक एवं कानूनी बारीकियों को बताते हुए आगे की रणनीति पर चर्चा की। कर्नल देव आनंद गुर्जर ने सभाजनों को संबोधित करते हुए मुरब्बा आवंटन में हुई अनियमितताओं को विस्तार पूर्वक समझाते हुए बताया कि किस प्रकार 7450 स्वीकृत मुरब्बा आवंटन मे से 622 आवंटित मुरब्बा पूर्व सैनिकों के देहांत होने के कारण अलॉटमेंट 2004 में रद्द कर दिया गया। आवंटन के रद्द किए जाने के पश्चात पूर्व सैनिकों ने न्यायालय की मदद से रद्द किए गए आवंटन  को निरस्त करवाते हुए 622 मुरब्बो को पूर्व सैनिकों के आश्रितों को आवंटित करने का आदेश करवाने में सफल रहे ।सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार राजस्थान सरकार ने 622 मुरब्बा का पुनः आवंटन करते हुए यह लाभ मृत पूर्व सैनिकों के परिजनों को देने का आदेश जारी किया लेकिन इस आवंटन के दौरान 155 लाभार्थियों को बिना सूचना एवं ठोस कारण पुराने की बजाय दूसरे मुरब्बे आवंटित कर दिए और उनमें से भी बहुत सारे मुरब्बे 25 बीघा की बजाए उससे कम के किए गए। इस अवसर पर सारे पूर्व सैनिक एवं उनके परिजन 1971 वॉर मेमोरियल पर पहुंच कर पुष्प अर्पित करते हुए सरकार से आग्रह किया कि सैनिक देश की अमानत होता है।

मुरब्बा का प्रारंभिक आवंटन के मुताबिक कब्जा जल्दी दिया जाए और अगर इसमें किसी प्रकार की अनियमितता पाई जाती है तो जांच कर उसे दूर करते हुए सैनिकों को जल्द से जल्द न्याय दिलवाएं। इसके पश्चात सैनिक न्याय संघर्ष समिति द्वारा जयपुर कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा कर सैनिकों की इस समस्या का जल्दी निवारण की मांग की गई। पूर्व सैनिकों द्वारा समस्या के समाधान में विलंब होने की स्थिति में आगे की रणनीति पर मंथन किया। समिति की कोर कमेटी को भविष्य की जल्दी न्याय मिलने में सहायक कोई भी कार्रवाई के लिए अधिकृत करते हुए सभा सम्पन्न हुई। सभा में सीकर से कैप्टन रामचंद्र, चूरू से रणवीर सिंह,  शौकत अली खान, भरतपुर से  राम सिंह सैनी, रतन सिंह, झुंझुनू से गौरीशंकर,भादरा से भूपसिंह, अलवर से जयपाल यादव, राजसमंद से देवी दयाल सिंह, हनुमानगढ़ से सतवीर सिंह, अजमेर से कैलाश, नागौर से केसाराम,जयपुर से रोहतास, हवलदार हरि सिंह और सूबेदार अर्जुन सिंह राठौड़ एवं कई सैनिक व सैनिकों के परिजन कार्यक्रम में मौजूद थे।