काव्य कलश में हर आंख हुई नम

पारिवारिक रिश्तों पर अद्भुत गीतों की शाम

जोधपुर,(डीडी न्यूज)। काव्य कलश में हर आंख हुई नम। पारिवारिक रिश्तों और जीवन के विभिन्न रंगों पर प्रेम,अपनापन,करुणा,श्रृंगार के रसों पर आधारित कविताओं की लाजवाब शाम सोमवार को जोधपुर के लवकुश आश्रम के ऑडिटोरियम में अनुराधा आर्ट्स द्वारा आयोजित हुई।

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‘काव्य कलश’ कार्यक्रम पारिवारिक तानो बानो के साथ आनंद की कविताओं का अद्भुत संगम रहा, जिसमें देश के जाने माने कवि डॉ राम अकेला व फरीदाबाद के शानदार कवि दिनेश रघुवंशी ने अपनी कविताओं की प्रस्तुति दी।

रघुवंशी ने कोई समझा सकता है क्या जीवन की कैसी माया,छोटे से उस गाँव से अपने कितनी दूर चला आया,वक़्त ने बेशक छीन लिया है चेहरे का वो भोलापन,लेकिन मन का भोलापन तो वक़्त भी छीन नहीं पाया। जैसे गीत से उपस्थित दर्शकों की आंखों को नम कर दिया।

डॉ राम अकेला ने बन सको तो प्रेम बनना,मत कभी तुम क्रोध बनना आ सको तो काम आना,मत कभी अवरोध बनना जैसी जीवन जीने का सकारात्मक नज़रिया दिखाया। कार्यक्रम में पूर्व न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास,साहित्यकार हरिदास व्यास,राजेंद्र परिहार,गौरव बजाज, इंदु रघुवंशी,गीतू सिंह सहित शहर के कई साहित्य प्रेमी उपस्थित थे।