एमजीएच के डाक्टरों ने बनाया वाई आकार की इन्ट्रोड्युसर सुई

  • चिकित्सा प्रौद्योगिकी में एक महत्वपूर्ण प्रगति
  • एनेस्थीसिया विभाग की असोसिऐट प्रोफ़ेसर डॉ शिखा सोनी व डॉ.शैलेन्द्र शर्मा की उपलब्धि
  • आपात कालीन गहन चिकित्सा इकाई तथा आप्रेशन थियेटर में उपयोग में आता है यह उपकरण

जोधपुर,एमजीएच के डाक्टरों ने बनाया वाई आकार की इन्ट्रोड्युसर सुई।डॉ.एसएन मेडिकल कॉलेज की एनेस्थीसिया विभाग की असोसिऐट प्रोफ़ेसर डॉक्टर शिखा सोनी और डॉ.शैलेन्द्र शर्मा को उनकी अभिनव वाई आकार की इन्ट्रोड्युसर सुई के लिए पेटेंट से सम्मानित किया गया है।

यह अभूतपूर्व उपकरण आपात कालीन,गहन चिकित्सा इकाई तथा आप्रेशन थियेटर में सोनोग्राफी की मार्गदर्शन से सेन्ट्रल लाईन डालने में उपयोग में आता है। डॉक्टर शिखा ने बताया कि संवहनी (आर्टरी या वेन) तक सुई पहुँचाना एक कठिन काम है और यह पेटेंट वाली सुई इस चिकित्सा प्रक्रिया की दक्षता और सुरक्षा को बढ़ाने मे मदद करता है।

इस वाई-आकार की सुई को पारंपरिक तरीकों से जुड़ी जटिलताओं के जोखिम को कम करते हुए,कैथेटर इन्ट्रोड्युस करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका अनोखा डिज़ाइन बेहतर गतिशीलता और परिशुद्धता की अनुमति देता है, जो इसे आपातकालीन स्थितियों में और चुनौतीपूर्ण संवहनी शरीर रचना वाले रोगियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद बनाता है।

डॉ.सोनी एनेस्थीसिया विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं और वर्तमान मे महात्मा गाँधी चिकित्सालय के आईसीयू की इनचार्ज हैं। डॉक्टर शिखा महात्मा गाँधी चिकित्सालय में पेन क्लिनिक भी देखती हैं तथा इस पेटेंट सुई को मरीजों के हित मे उपयोग करने के लिए आशान्वित हैं।डॉ शर्मा एमआर यू-डीएचआर की एक इकाई में वैज्ञानिक के रूप में कार्यरत हैं।

पेटेंट के बारे में अपना उत्साह व्यक्त करते हुए बताया कि हमारा मानना ​​है कि यह नवाचार न केवल रोगी के परिणामों में सुधार करेगा बल्कि स्वास्थ्य पेशेवरों को उनके अभ्यास में अधिक प्रभावी उपकरण भी प्रदान करेगा। भारतीय पेटेंट कार्यालय में पंजीकृत पेटेंट भारतीय स्वास्थ्य सेवा नवाचार में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। जैसे-जैसे सुरक्षित और अधिक कुशल चिकित्सा उपकरणों की मांग बढ़ती जा रही है,यह वाई आकार की इन्ट्रोड्युसर सुई हमें अस्पतालों और क्लीनिकों में सुरक्षित सेन्ट्रल लाईन डालने के लिए तैयार करती है।

डॉक्टर सम्पूर्णानन्द मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर बीएस जोधा ने बधाई प्रेषित करते हुए दोनो को साधुवाद दिया और मरीज को सुरक्षित सेन्ट्रल लाईन डालने वाली सुई की तारीफ करते हुए भविष्य में ऐसे नये अन्वेषण और करने के लिए प्रेरित किया।