मास्टर माइंड के खिलाफ हो रखा है पॉक्सो में केस
- सुनार से ठगी का मामला
- पांच दिन की पुलिस रिमांड में लिया
- वापी ले जाकर पुलिस करेगी चेक -चोरी की तस्दीक
- चेक साइन के लिए प्रेक्टिस मेें ली गई डायरी जब्त
जोधपुर, शहर के भीतरी क्षेत्र घोड़ों का चौक में मंगलवार की दोपहर में एक ज्वैलर की दुकान पर खरीददारी करने आए दो युवक दुकानदार से ठगी कर 5.31 लाख की सोने की दो चेन ले उड़े थे। पुलिस ने प्रकरण में त्वरित कार्रवाई करते हुए शातिर ठगों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने इन्हें आज कोर्ट में पेश कर पांच दिन की पुलिस रिमांड मेें लिया है। एक सोने की चेन और बरामद की जानी है। पुलिस ने चेक चुराने की तस्दीक के लिए इन्हें वापी गुजरात लेकर जाएगी।
सदर बाजार थानाधिकारी सुरेश पोटलिया ने बताया कि इसका मास्टर माइंड इंदरसिंह है जिसने ही यह पूरी रणनीति बनाई थी। इसके खिलाफ नागौर के कोतवाली थाना में पॉक्सो का भी केस हो रखा है। डीसीपी अमृता दुहन ने बताया कि नागौर जिले के रेलवे स्टेशन के पीछे गुर्जरों का मोल्ला नागौर निवासी पवन उर्फ बबलू गुर्जर और संजय कॉलोनी गुर्जरों का मोहल्ला नागौर निवासी इंद्ररसिंह उर्फ हैप्पी पुत्र जालम सिंह मेड़तिया को पकडा गया था।
घोड़ों का चौक में सुदर्शन ज्वैलर्स है। इसका मालिक ओमप्रकाश सोनी मंगलवार को दिन में दुकान पर था। तब दोपहर में दो बजे के आस पास दो युवक आए, सोने के आइटम देखने पहुंचे,बाद में यह चले गए। फिर चार बजे के आस पास वापिस आए। यहां पर दुकानदार से सोने की दो चेन पसंद किया और जिसका अमाउंट 5 लाख 31 हजार 576 रूपए के करीबन था। जिस पर पेमेंट देेने की बात हुई। इस पर युवकों ने चेक के मार्फत रूपए देने को कहा। तब दुकानदार ने कहा कि चेक क्लीयर होने पर ही माल दिया जा सकता है। युवकों ने दुकानदार को यश बैंक गुजरात का चेक दिया था। हाथोंहाथ चेक क्लिरिंग की बात को लेकर युवकों ने गुजरात में किसी से बात करवाई और रूपए दुकानदार के एकाउंट में डालने को कहा। दुकानदार के खाते में रूपए पहुंचने की बात पर युवक चेनें लेकर चले गए। कुछ क्षण बाद ही फिर से गुजरात से दुकानदार के पास में फोन आया कि आपने किसी चीज के लिए पेमेंट करने को कहा, हमारी फर्म ने कोई सामान नहीं खरीदा है। गुजरात के व्यक्ति ने दुकानदार ओमप्रकाश से कहा कि हमारे यहां भी ऐसी ठगी हो चुकी है। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।
एक आरोपी निजी बस से भागते पकडा गया
डीएसटी पूर्व प्रभाारी दिनेश डांगी ने बताया कि एक आरोपी इंदरसिंह उर्फ हैप्पी निजी बस से भागने की जानकारी हुई। तब पुलिस की टीम ने मंडोर एरिया में बस को रूकवाया और उसे दस्तयाब कर पकड़ा गया था।
पवन उर्फ बबलू एम्स में संविदा पर कार्यरत
आरोपी पवन उर्फ बबलू एम्स अस्पताल में संविदा पर तकनीकि सहायक हैल्पर के पद पर कार्यरत है। ठगों से पूछताछ में सामने आया कि नागौर के युवक का बचपन का दोस्त जो वापी में रहता है दोनेां ने केदारनाथ ट्रिप साथ की। इस दौरान उन्होंने ठगी की साजिश रची।
ऐसे दिया गया वारदात को अंजाम
डीसीपी अमृता दुहन ने बताया कि नागौर निवासी इंद्र सिंह के बचपन का दोस्त पवन उपाध्याय गुजरात के वापी में रहता है। दोनो ने जुलाई में केदारनाथ ट्रिप के समय साजिश रची। पवन उपाध्याय केबी पैकेजिंग की कंपनी में काम करता था। उस केबी पेकेजिंग के स्टैंप लगे ब्लैंक चेक उसे देगा और इंद्रसिंह उसे कैश करवाएगा। इसके लिए इंद्रसिंह ने एक महीने तक उसके मालिक के हस्ताक्षर की प्रेक्टिस की। बैंक में फर्जी साइन का चेक देकर ज्वैलर के खाते में आरटीजीएस करवाया गया। तीसरे साथी बबलू गुर्जर ने एक गोल्ड चेन को हाथों हाथ मन्नापुरम गोल्ड लोन में चेक जमा करवा कर कैश लिए।
डीसीपी ने बताया कि बबलु गुर्जर व इंद्र सिंह को गिरफ्तार किया है।
पुलिस टीम में यह भी थे शामिल
पुलिस की टीम सदर बाजार थानाधिकारी सुरेश पोटलिया, डीएसटी प्रभारी एसआई दिनेश डांगी, साइबर सैल एएसआई राकेश सिंह, डीएसटी के कमरूखां,ओमाराम एवं सदर बाजार हैडकांस्टेबल रोहिताश, नागौरी गेट थाने के कांस्टेबल कालूराम सहित अन्य पुलिस कर्मी शामिल थे।
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