• 500 बोतल डिस्टिल्ड वाटर किया भेंट
  • दिए आवश्यक सुझाव

जेआईए द्वारा चलाये जा रहे जागरूकता अभियान के तहत जोधपुर नगर निगम उत्तर के आयुक्त रोहिताश्व सिंह तोमर ने ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर उपयोग के लिए ध्यान में लेने योग्य सुरक्षा सुझावों के ब्रोसर का विमोचन किया।
और 500 बोतल डिस्टिल्ड वाटर भेंट किया गया।

जोधपुर, कोरोना वायरस संक्रमण के प्रभाव के कारण म्यूक्रोमाइकोसिस, ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या में निरंतर वृद्धि, ब्लैक फंगस के कोरोना वायरस संक्रमण के दुष्प्रभाव के रूप में सामने आने, कोविड-19 व ब्लैक फंगस का एकीकृत व समन्वित उपचार किए जाने के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा म्यूक्रोमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) रोग को राज्य में महामारी व अधिसूचनीय रोग घोषित किया गया है।

Brosher Released Safety Tips In Oxygen Concentrator Use

इसी तर्ज पर जोधपुर इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा चलाये जा रहे जागरूकता अभियान के तहत ब्लैक फंगस बिमारी के प्रमुख कारण ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर का सही से उपयोग नहीं करने के कारण को ध्यान में रखते हुए लोगों को इसके प्रति जागरूक करने हेतु ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर को उपयोग में लेने के लिए ध्यान में रखने योग्य जरूरी दिशानिर्देशों के ब्रोसर का विमोचन जोधपुर नगर निगम उत्तर आयुक्त रोहिताश्व सिंह तोमर द्वारा किया गया। इसके साथ ही एसोसिएशन द्वारा ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर के लिए सबसे उपयोगी डिस्टिल्ड वाटर की एक-एक लीटर की 500 बोतलें भी निगम को भेंट की गई।

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जेआईए अध्यक्ष एकेजैन ने बताया कि राज्य में कोविड-19 संक्रमण के प्रभाव के कारण ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या में निरन्तर वृद्धि को देखते हुए ऐसा पाया गया है कि आंक्सीजन की किल्लत के चलते प्राणवायु बन आए ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर का गलत उपयोग भी मरीजों के लिए ब्लैक फंगस का खतरा पैदा कर रहा है।

कन्सन्ट्रेटर के हयूमिडिफायर में उपयोग के दौरान इसमें डिस्टियल वॉटर,आरओ वाटर का ही उपयोग किया जाता है लेकिन कई अस्पतालों और घरों पर उपयोग के दौरान इसकी जानकारी नहीं होने के कारण सादा पानी का उपयोग किया जा रहा है इससे कोरोना के मरीज में ऑक्सीजन प्राणवायु बनने के साथ ही सादा पानी ब्लैक फंगस का संक्रमण पैदा कर सकता है। इसके प्रति लोगो को जागरूक करने हेतु एसोसिएशन द्वारा अभियान चलाकर ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर को उपयोग में लेते हुए ध्यान में रखने योग्य जरूरी दिशानिर्देशों के ब्रोसर का विमोचन किया गया और सभी ब्रोसर को ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर के साथ लगाया जायेगा और इसके प्रति लोगों को जगरूक भी किया जायेगा।
इसके साथ ही उन्होंने ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर के लिए ध्यान में लेने योग्य बातें भी बताई।

1-काँच की टयूब में पानी का लेवल उस पर अंकित निशान तक ही भरे। न ज्यादा न कम। ट्यूब का पानी 24 घंटे में बदलना ही चाहिये वरना जीवाणु या फफूंद उत्पन्न होने का खतरा बना रहता है।

2– कन्सन्ट्रेटर में पानी से भरी टयूब लगी हुई है। इस टयूब को रोज साबुन से धोना जरूरी है। साफ पानी से धोने के बाद इसे कपडे से ना पोछें हवा से सुखाएं।

3– वायरस या बैक्टीरिया, डिस्टिल्ड वाटर, में नहीं पनपते हैं। इसलिये इस ट्यूब में प्रथम डिस्टिल्ड वाटर,आरओ वाटर का प्रयोग करें। यदि दोनों ही ना मिले तो पानी को चार पांच मिनट अच्छी तरह उबाल कर ठंडा कर टयूब में डालें।

4-आवश्यकता से अधिक फ्लोरेट पर काम में ना लेवें। ध्यान रहे जितना अधिक फ्लोरेट होगा उतना ही ऑक्सीजन की शुद्धता में कमी आती रहेगी।

5-ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर को खुली जगह में एवं दिवार से 2 इंच दूर रखना चाहिए जिससे ऑक्सीजन बनाने के लिए पर्यप्त हवा मिल सके।

एक मरीज से दूसरे मरीज को कन्सन्ट्रेटर स्थानान्तरण करते समय इन बातों का विशेष ध्यान रखे। पुरानी रबड़ टयूब नेजल केनुला काट कर नष्ट करें व नया ही काम में लेवें। कन्सन्ट्रेटर साफ रखें काले फफूंद, से बचें। नियमित सफाई, पानी बदलाव में ही भलाई है।

जेआईए सचिव सीएस मंत्री ने बताया कि म्यूकोरमायकोसिस यानी ब्लैक फंगस आंखों की बीमारी है जिसका शिकार होने पर मरीज की आंखों की रोशनी तक जा सकती है। यह बीमारी शरीर में बहुत तेजी से फैलती है जिससे बॉडी के कई अंगों पर असर पड़ सकता है। कोविड.19 महामारी के दौर में फंगल इंफेक्शन कोरोना से ठीक होने के बाद या ठीक हो रहे मरीजों में देखने को मिल रहा है।

भारत में ब्लैक फंगस के कई मामले सामने आए हैं। यह बीमारी म्यूकोर्मिसेट्स नामक सूक्ष्म जीवों के एक समूह के कारण होती है जो पर्यावरण में प्राकृतिक रूप से मौजूद होते हैं और ज्यादातर मिट्टी में तथा पत्तियों, खाद एवं ढेरों जैसे कार्बनिक पदार्थों के क्षय में पाए जाते हैं। आमतौर पर हमारा इम्यून सिस्टम ऐसे फंगल संक्रमण से आसानी से लड़ लेता है लेकिन कोविड.19 हमारे इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है।

कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाईयां इम्यून सिस्टम पर असर डालती हैं। इन कारकों के कारण कोविड-19 मरीजों को म्यूकोर्मिसेट्स जैसे सूक्ष्म जीवों के हमले के खिलाफ लड़ाई में विफल होने के नए खतरे का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर, ऑक्सीजन प्लांट के द्वारा जो ऑक्सीजन दी जाती है यदि उसका सही से रखरखाव नहीं किया जाता है तो यह यह सूक्ष्म जिवाणु मरीज के शरीर में सांस के द्वारा प्रवेश कर जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए एसोसिएशन द्वारा ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर के लिए सबसे उपयोगी डिस्टिल्ड वाटर की एक-एक लीटर की 500 बोतलें नगर निगम को भेंट की गई जिससे इन ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर का रखरखाव सही से किया जा सके।

इस अवसर पर जोधपुर नगर निगम उत्तर आयुक्त रोहिताश्व सिंह तोमर ने जोधपुर इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा चलाये जा रहे जागरूकता अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि वर्तमान समय में लोगो को ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर के उपयोग करते समय रखी जाने वाली सावधानियों के प्रति जागरूक करना एक सराहनीय कदम है। इसके लिए जोधपुर इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन के समस्त पदाधिकारियों एवं सदस्यों को धन्यवाद देता हूँ। इसके साथ ही उन्होंने एसोसिएशन द्वारा भेंट की गई ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर व ऑक्सीजन प्लांट के लिए उपयोगी डिस्टिल्ड वाटर की बोतलों को हाथो हाथ अपने कर्मचारियों द्वारा जोधपुर शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों पर जागरूकता ब्रोसर के साथ भिजवाया। इस अवसर पर एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अशोक कुमार संचेती, उपाध्यक्ष अमित मेहता, सह सचिव अनुराग लोहिया, कोषाध्यक्ष सोनू भार्गव एवं कार्यकारिणी सदस्य राहुल धूत भी उपस्थित थे।