जोधपुर, फिल्म अभिनेता सलमान खां से जुड़े काला हिरण शिकार प्रकरण व आर्म्स एक्ट प्रकरण में जिला एवं सत्र न्यायालय जिला जोधपुर में आज बहस शुरू नहीं हो पाई। सलमान के वकील ने कार्य व्यस्तता अधिक होने के लिए बहस के लिए समय मांगा। जज राघवेन्द्र काछवाल ने समय प्रदान करते हुए अगली सुनवाई तिथि दस मार्च तय कर दी।

Black deer hunting case: new hearing date 10 March

काला हिरण शिकार प्रकरण में ट्रायल कोर्ट ने सलमान को दोषी करार देते हुए पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी। सलमान ने इस सजा को चुनौती दे रखी है। राज्य सरकार ने आर्म्स एक्ट में सलमान को बरी किए जाने को चुनौती दे रखी है। लंबे अरसे से इन दोनों मामलों पर बहस शुरू नहीं हो पा रही है। आज सलमान के वकील हस्तीमल सारस्वत ने कोर्ट को बताया कि आज अत्यधिक व्यस्तता के चलते उन्हें बहस शुरू करने के लिए थोड़ा समय चाहिये। इस पर अगली सुनवाई तिथि दस मार्च तय कर दी गई।

आज होनी थी इस पर बहस
काला हिरण शिकार प्रकरण में ट्रायल कोर्ट ने 5 अप्रैल 2018 को सलमान खान को दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा सुनाई थी। इस मामले में सह आरोपी फिल्म अभिनेता सैफ अली खान, अभिनेत्री नीलम, तब्बू व सोनाली बेन्द्रे को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था। सलमान खान को उस समय गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेजा गया था। तीन दिन बाद वे कोर्ट से मिली जमानत के आधार पर रिहा हुए थे। सलमान खान ने उन्हें सुनाई गई पांच साल की सजा को चुनौती दे रखी है। आर्म्स एक्ट के मामले में कोर्ट ने सलमान को बरी कर दिया था। राज्य सरकार ने कोर्ट के इस निर्णय को चुनौती दे रखी है।

22 साल पुराने प्रकरण में चल रही सुनवाई
पुलिस ने फिल्म अभिनेता सलमान खान व अन्य के खिलाफ दो अक्टूबर 1998 को हिरण शिकार का मामला दर्ज किया। सलमान के खिलाफ हिरण शिकार का मामला विश्नोई समुदाय की तरफ से दर्ज कराया गया था। सलमान खान के खिलाफ तीन अलग-अलग स्थान पर हिरण शिकार व अवधि पार लाइसेंस के हथियार रखने के मामले दर्ज किए गए। इस मामले में सलमान खान को बारह अक्टूबर 1998 को गिरफ्तार किया गया। पांच दिन बाद वे जमानत पर रिहा हुए।

भवाद प्रकरण में एक साल सजा सुनाई गई
भवाद में हिरण शिकार के एक मामले में 17 फरवरी 2006 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सलमान को दोषी करार देते हुए एक साल की सजा सुनाई। घोड़ा फार्म हाउस क्षेत्र में शिकार मामले में दस अप्रेल 2006 को कोर्ट ने सलमान को दोषी मानते हुए पांच साल की सजा व 25 हजार का जुर्माना लगाया। हाईकोर्ट ने इन दोनों सजाओं को स्थगित कर रखा है।