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गहलोत मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल,11 केबिनेट और 4 राज्य मंत्रियों ने ली शपथ

  • राज्यपाल कलराज मिश्र ने दिलाई नवनियुक्त मंत्रियों को शपथ
  • 6 विधायक को बनाया मुख्यमंत्री का सलाहकार
  • पायलट की नाराजगी दूर,सचिन खेमा खुश

जयपुर, प्रदेश में तीन साल बाद गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल किया गया है। रविवार को हुए मंत्रिमंडल विस्तार में 11 कैविनेट और 4 राज्य मंत्रियों को राज्यपाल कलराज मिश्र ने शपथ दिलाई गई। सर्वप्रथम सचिन खेमे के विधायक हेमाराम चौधरी को शपथ दिलाई। हेमाराम पिछले दिनों अपने क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए विधायक पड़ से इस्तीफा दे दिया था। बाड़मेर से हरीश चौधरी की जगह अब हेमाराम को मंत्रीमण्डल में लाया गया है,हेमाराम पिछली गहलोत सरकार में राजस्व मंत्री थे। हेमाराम के बाद महेन्द्रजीत सिंह मालवीय,रामलाल जाट ने शपथ ली। रामलालजात मुख्यमंत्री गहलोत के खास माने जाते हैं,शपथ लेते ही उन्होंने गहलोत के पैर छुए। राज्य मंत्री जाहिदा खान ने अंग्रेजी में शपथ ली।

ये बने कैविनेट मंत्री

1-हेमाराम चौधरी 2- महेन्द्रजीत सिंह मालवीय 3- महेश जोशी 4- विश्वेन्द्र सिंह 5-रामलाल जाट 6-रमेश मीणा, 7-ममता भूपेश 8-भजनलाल जाटव, 9- टीकाराम जूली 10-गोविंदराम मेघवाल 11- शकुंतला रावत।

राज्य मंत्री

1- जाहिदा खान 2-बृजेन्द्र सिंह ओला 3- राजेन्द्र गुढा 4- मुरारीलाल मीणा।

मंत्रियों के शपथ ग्रहण से पूर्व सचिन पायलट भी राजभवन पहुंचे और विधायकों से मिले। राज्य मंत्रिमंडल के सभी 30 पद भर गए, इसके बावजूद 12 जिले ऐसे बच गए जहाँ से किसी को भी मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व नही मिला। इनमें उदयपुर,प्रतापगढ़,डूंगरपुर,सिरोही,धौलपुर,टोंक,सवाईमाधोपुर,हनुमानगढ़,श्रीगंगानगर,चुरू,अजमेर,सीकर। गहलोत-पायलट के सियासी जंग के दौरान बर्खास्त किए गए 2 मंत्रियों को पुनः मंत्री बनाया गया है।

इन पांच जिलों से बने ज्यादा मंत्री

जयपुर से 4 ,भरतपुर से 4,दोसा से 3,बीकानेर से 3,झुंझुनु से 2,बांसवाड़ा से 2,अलवर से 2, कोटा से 2,भीलवाड़ा 1,बाड़मेर 1,करोली 1,जालोर 1,बूंदी 1,जैसलमेर 1,जोधपुर 1 विधायक मंत्री बने।

6 विधायक को बनाया मुख्यमंत्री का सलाहकार

मंत्री बनने से वंचित रहे 6 विधायकों को मुख्यमंत्री का सलाहकार बनाया है। इन्हें मंत्री का दर्जा मिलेगा। इनमें तीन निर्दलीय और तीन कांग्रेसी विधायक हैं। कांग्रेस के विधायक हैं डॉ जितेंद्र सिंह,राज कुमार शर्मा,दानिश अबरार। निर्दलीय विधायक में संयम लोढ़ा,बाबूलाल नागर,राकेश मीणा शामिल हैं। ये सभी छह विधायक गहलोत समर्थक हैं,ये मंत्री पद के दावेदार थे। इनमें दानिश अबरार का नाम चर्चा में रहा ये सचिन समर्थक थे जो बगावत कर गहलोत खेमे में चले गए थे। पहली बार बने विधायक को मंत्री नही बनाने का फार्मूला तय था,अब इन्हें सलाहकार बना कर एडजेस्ट कर राजी किया गया है।

मुख्यमंत्री के सलाहकार बने डॉ जितेंद्र सिंह गहलोत के पिछले कार्यकाल में ऊर्जा मंत्री रहे थे। गुजर समाज के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता होने से वे मंत्रिपद के प्रमुख दावेदार थे। गुर्जर समाज से महिला विधायक शकुंतला रावत को मंत्री बनाए जाने से वे मंत्री नही बन सके इसलिए उन्हें सलाहकार बनाया गया। राजकुमार शर्मा पिछली बार बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए थे तब उन्हें चिकित्सा राज्यमंत्री बनाया गया था। वे भी मंत्री पद के दावेदार थे। झुंझुनू से बृजेन्द्र ओला,राजेन्द्र गुढ़ा को राजनीतिक समीकरण साधने के लिए मंत्री बनाना आवश्यक था इसलिए उन्हें सलाहकार बना कर राजी किया गया।

सवाईमाधोपुर से कांग्रेसी विधायक दानिश अबरार पायलट समर्थक थे जो पिच्छे सियासी संकट के समय गहलोत खेमे में शामिल होने से बफादारी का इनाम दिया गया और अल्प संख्यक चेहरे के तौर पर भी भागीदारी दी गई। संयम लोढ़ा सिरोही से निर्दलीय जीते थे और सरकार का साथ दिया, संकट के समय प्रमुखता से गहलोत के साथ खड़े रहे थे। फार्मूले में फिट नही बैठने से मंत्री नही बन सके लेकिन उन्हें सलाहकार बना कर इनाम दिया। पिछले बार बसपा से कांग्रेस में आए निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा मुख्यमंत्री के खास हैं,गंगापुर से निर्दलीय जीतने के बाद गहलोत का समर्थन किया था। मीणा ने सचिन पायलट के खिलाफ जमकर बयानबाजी की थी।

पायलट की नाराजगी दूर

मंत्रिमंडल फेरबदल में समर्थकों को जगह मिलने पर सचिन पायलट की नाराजगी भी दूर हो गई। शपथ से पूर्व उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि केबिनेट में महिलाओं की भागीदारी बढ़कर तीन हो गई जो प्रियंका गांधी का प्रभाव है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को ज्यादा टिकिट मिले,केबिनेट में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है।

पायलट खेमा खुश

गहलोत मंत्रिमंडल फेरबदल के बाद पायलट खेमे ने खुशी जाहिर की है। मंत्रिमंडल में शामिल रमेश चंद मीणा और मुरारीलाल मीणा ने भी मंत्रिमंडल को संतुलित बताया। रमेशचंद मीणा ने कहा कि आला कमान ने हमारी मांग को पूरा कर दिया है,दलित एसटी वर्ग को पोइरी तवज्जो दी है। अब हम सब मिलकर 2023 के चुनाव में उतरेंगे और एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बनाएंगे। हम उन वादों को पूरा करेंगे जो हमने हमारे क्षेत्र की जनता से किए हैं।

मुरारीलाल मीना ने कहा कि मुझे जो जिम्मेदारी दी है उसे ईमानदारी से पूरा करूंगा। कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि मैंने मंत्री पद की लालसा में विधान सभा सदस्यता से इस्तीफा नही दिया था,अब पार्टी ने सरकार में जो जिम्मेदारी दी है उसे पूरी ईमानदारी से निभाउंगा। आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद अब राजस्थान कांग्रेस के नेताओं में किसी भी प्रकार का कोई मतभेद नही है। 2023 के चुनावों में कांग्रेस जीतेगी और सरकार बनाएगी।

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