शरद पूर्णिमा पर आयुर्वेदिक उपचार शिविर का आयोजन
जोधपुर,शरद पूर्णिमा पर आयुर्वेदिक उपचार शिविर का आयोजन। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से चलाए जा रहे प्रकल्प आरोग्य संपूर्ण स्वास्थ्य के अंतर्गत शरद पूर्णिमा के पर आयुर्वेदिक उपचार शिविर का आयोजन किया गया। चोपसानी स्थित दशहरा मैदान में रात्रि 7 बजे से सुबह 5 बजे तक यह शिविर चला। इस शिविर में दमा,पुरानी खांसी,नजला,एलर्जी जैसी स्वास्थ्य से संबंधित अन्य रोगों के इलाज के लिए वैदिक कालीन आयुर्वेदिक पद्धति द्वारा निर्मित और औषधि युक्त खीर साधकों को खिलाई गई।
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शरद पूर्णिमा को चंद्रमा पृथ्वी के सर्वाधिक नजदीक होने के कारण इसकी किरणों का प्रभाव अमृत तुल्य होता है। आयुर्वेदाचार्य भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि शरद पूर्णिमा में शरीर मन और आत्मा को सुदृढ़ करने वाले औषधीय गुण होते हैं इसी कारण पूरे दिन उपवास रखकर रात में खुली चांदनी में मिट्टी या चांदी के बर्तन में पकाई एवं रखी गई खीर का सेवन किया जाता है। जिसमे लकड़ी के चम्मच उपयोग में लिए जाते हैं। उसके बाद खीर को मिट्ठी की परात में चंद्रमा की रोशनी में रखा जाता है। पत्तो के दोने डालकर अंगुलियों से यह खीर खाई जाती है। यह खीर सर्दियों की शुरुआत के साथ बढ़ाने वाले पित्त रोग के प्रभाव को शांत करती है।
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शिविर में उपस्थित लोगों को आयुर्वेदिक चिकित्सक ने जागरुक करते हुए बताया कि किस प्रकार शरद पूर्णिमा की रात आयुर्वेदिक औषधि खीर का सेवन करने और साथ में उचित परहेज रखने से दमा खांसी व अन्य स्वास्थ्य संबंधित रोग हमेशा के लिए दूर हो जाते हैं। संस्थान के प्रचारक द्वारा इस दिन के आध्यात्मिक महत्व से अवगत करवाया गया। संस्थान प्रति वर्ष इस त्यौहार को आध्यात्मिक,वैज्ञानिक और चिकित्सक गुणों को पुनर्जीवित करने के आशय से इस शिविर का आयोजन किया जाता है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पुरुषों,महिलाओं,बच्चों और नियमित रूप से आने वाले लाभार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत सामूहिक प्रार्थना और वंदन के साथ की गई। रात को जगाने की व्यवस्था के तहत सांस्कृतिक व आध्यात्मिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। मरीजों को आयुर्वेदिक दवा के समग्र लाभ पर जागरूक किया गया। कार्यक्रम में महात्मा बुद्ध के जीवन पर आधारित एक नाटिका वीडियो के माध्यम से दिखाई गई,जिसमे गुरु शिष्य के अनन्य प्रेम को बताया गया।
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