अवध में आंनद भयो जय रमैया लाल की…
कथा के तीसरे दिन श्रीराम जन्म प्रसंग पर भाव विभोर हुए श्रद्धालु
जोधपुर,गणेश महोत्सव के पावन अवसर पर शिक्षाविद प्रो माणक सिंह गहलोत की पुण्य स्मृति में शहर के सूरसागर स्थित कृष्णा वाटिका में गहलोत परिवार की मेज़बानी में सनातन धर्म के प्रसार के उद्देश्य से आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा में तीसरे दिन कथावाचक संत मुरलीधर ने युग पुरुष गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित अष्टपदी श्रीराम चरित मानस के बाल कांड में वर्णित भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव एवं जन्म के कारणों की कथा को विस्तार से सुनाया। भगवान राम सहित राजा दशरथ के चारों पुत्रों की बाल लीलाओं संक्षिप्त वर्णन किया।
श्रीराम जन्म के कथा प्रसंग पर भए प्रकट कृपाला दीन दयाला…अवध में आंनद भयो जय रमैया लाल की…के भजनों पर श्रोता झूम उठे। रामायण की सुंदर चौपाइयां श्रोताओं को भाव विभोर कर गई। संत कहा कि जब जब धर्म का ह्रास व अधर्म तथा पाप का प्रसार प्रसार होता है तब भगवान मनुज रूप में इस धरती पर अवतार लेते हैं।
उन्होंने वर्तमान समाज में व्याप्त अराजकता,अनाचार,अधर्म तथा मानवीय मूल्यों की अनुपस्थिति के बारे में चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान में ब्राह्मण व गौ की स्थिति ज्यादा संतोषजनक नहीं है। कथा के दौरान रामदेव व तेजा दशमी,गोगा नवमी व खेजड़ली शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में लोक देवाताओं का स्मरण किया व पर्यावरण प्रेमियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
कथा के प्रारंभ में यजमान पूर्व महापौर राजेंद्र कुमार गहलोत व रमा गहलोत ने मानस पूजन किया इस अवसर पर राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक हरिओम,नंदलाल भाटी, दुर्गासिंह गहलोत,गोपाल सिंह भलासरिया सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे।
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