शुक्रवार को भारत आएंगे अमेरिकी सैनिक

जोधपुर, सैन्य से सैन्य विनिमय कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में अमेरिकी सेना के सैनिक भारतीय सेना के सैनिकों के साथ युद्धाभ्यास के 16वें संस्करण के लिए 5 फरवरी को भारत पहुंचेंगे। यह द्विपक्षीय प्रशिक्षण अभ्यास बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में विदेशी प्रशिक्षण नोड में आयोजित किया जाएगा। इस द्विपक्षीय अभ्यास में भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व सप्त शक्ति कमान की 11वीं बटालियन जम्मू और काश्मीर राइफल्स करेगी और अमेरिकी सेना के प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व 2 इन्फैंट्री बटालियन, 3 इन्फैंट्री रेजिमेंट, 1-2 स्ट्राइकर ब्रिगेड कॉम्बैट टीम के सैनिकों द्वारा किया जाएगा। यहां युद्धाभ्यास 8 से 21 फरवरी तक होगा। यह संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास संयुक्त राष्ट्र जनादेश के तहत काउंटर टेररिज्म संचालन पर केंद्रित होगा। प्रशिक्षण मुख्य रूप से समकालीन महत्व के सामयिक मुद्दों के विषय वस्तु विनिमय पर केंद्रित होगा। इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य दो सेनाओं के बीच सामरिक स्तर पर अभ्यास और एक दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं, सहयोग और तालमेल को बढ़ाना है। अमेरिकी सेना के साथ युद्धाभ्यास वैश्विक आतंकवाद की पृष्ठभूमि में दोनों देशों द्वारा सामना की गई सुरक्षा चुनौतियों के संदर्भ में काफी महत्वपूर्ण है। संयुक्त अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच रक्षा सहयोग के स्तर को बढ़ाएगा जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देगा और भारत-प्रशांत क्षेत्र में एक प्रमुख भागीदार के रूप में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को दोहराएगा। भारत में आयोजित होने वाला यह युद्धाभ्यास हमारी उत्तरी सीमाओं पर हाल के घटनाक्रमों की पृष्ठभूमि में बहुत महत्व रखते हैं और दोनों देशों के रणनीतिक क्षमता के साथ भारत-अमेरिका संबंधों को बढाने के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। कोविड महामारी के बावजूद यह सैन्य युद्धाभ्यास किया जा रहा है जो द्विपक्षीय संबंधों की ताकत को इंगित करता है और पर्यावरण को भू-रणनीतिक संदेश देता है।
कुछ दिन पहले ही भारत की वायुसेना ने फ्रांस की वायुसेना के बाद संयुक्त युद्धाभ्यास किया था। अब अमरीका की फौज भारतीय सेना के साथ युद्धाभ्यास करेगी। गत नवंबर में मालाबार नौसेना युद्धाभ्यास में अमरीका के अलावा जापान, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा की नौसेना ने भाग लिया। युद्धाभ्यास मित्र देशों की सेना के साथ एक दूसरे को समझते हुए युद्ध कौशल विकसित करने के लिए आयोजित किए जाते हैं। युद्धाभ्यास का मुख्य उद्देश्य काउंटर टेरेरिज्म ऑपरेशन को लेकर एक दूसरे के साथ टेक्निकल और टेक्टिकल शेयरिंग करना है। इसके जरिए अद्र्ध मरुस्थल और अद्र्ध शहरी क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों से निपटने की साझा समझ व रणनीति विकसित की जाएगी। पैदल सेना के साथ हेलीकॉप्टर से आतंकी शिविरों पर हमला कर इन्हें नेस्तनाबूद करने के युद्ध कौशल को भी परखा जाएगा।