एम्स अस्पताल ने 500 रोबोटिक सर्जरी कर मिसाल कायम की
जोधपुर, शहर के एम्स अस्पताल ने अत्याधुनिक दा विंची रोबोटिक प्रणाली का उपयोग करके 500 रोबोटिक सर्जरी को पूरा करने का महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया है। इस प्रणाली का उपयोग करते हुए बेहतर परिणामों के साथ सटीक और न्यूनतम रक्तस्राव के साथ जटिल सर्जरी की जा रही है। 5 ट्रेन्ड नर्सिंग अधिकारियों के साथ विभिन्न विभागों में 10 प्रशिक्षित रोबोटिक सर्जन हैं। इसके अलावा कई अन्य प्रशिक्षित सर्जन इस रोबोटिक्स सिस्टम पर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।
विभिन्न केंसरों का उपचार
रोबोटिक्स ने सर्जनों को विभिन्न कैंसर सर्जरी और पुनर्निर्माण सर्जरी में उत्कृष्टता हासिल करने में मदद की है। यूरोलॉजी के क्षेत्र में यह कहीं अधिक उपयोगी है। दुनिया भर में रोबोटिक सर्जरी का सबसे बड़ा उपयोग प्रोस्टेट कैंसर तथा पेल्विक सर्जरी में रहा है।
200 से अधिक जटिल बीमारियों का ऑपेशन
यूरोलॉजी विभाग के सह आचार्य डॉ. गौतम राम चौधरी ने बताया कि विभाग ने किडनी, ब्लैडर और प्रोस्टेट के 200 से अधिक जटिल तथा चुनौतीपूर्ण बीमारियों के ऑपरेशन किए हैं। प्रोस्टेट कैंसर के लिए सर्जरी, जिसे रेडिकल प्रोस्टेटेक्टॉमी कहा जाता है, एक कठिन सर्जरी है और ओपन या लैप्रोस्कोपिक तरीकों से करना मुश्किल है। इन रोगियों के लिए रोबोटिक सर्जरी एक वरदान रही है। जिसे एम्स में कुशल रोबोट प्रशिक्षित यूरोलॉजिस्ट अंजाम दे रहे हैं। पहले प्रोस्टेट कैंसर से पीडि़त लोगों को इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद जाना पड़ता था, लेकिन अब पूरे राजस्थान से लोग अपने इलाज के लिए एम्स जोधपुर आ रहे हैं।
नेपाल से भी पहुंचे रोबोटिक सर्जरी के लिए
किडनी कैंसर का उन्नत उपचार, जिसमें किडनी से ट्यूमर को हटा दिया जाता है, बाकी किडनी को बरकरार रखते हुए भी रोबोट सिस्टम का उपयोग करके नियमित रूप से किया जाता है। पड़ोसी राज्यों और यहां तक कि नेपाल जैसे देशों से भी मरीज इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आए हैं।
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