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जोधपुर, केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) जोधपुर द्वारा खरीफ ऋतु में उच्च गुणवत्तायुक्त आनुवांशिक रूप से शुद्ध उच्च अंकुरण क्षमता वाले उन्नत किस्मों के बीज किसानों को उपलब्ध करवाने हेतु बीज प्रसंस्करण एवं भण्डार इकाई में निरन्तर कार्य चल रहा है।

काजरी निदेशक डा. ओपी यादव ने बताया कि शुद्ध बीजों के प्रयोग से प्रति इकाई क्षेत्रफल उत्पादन अधिक होता है। उन्नत प्रजाति के बीजों को उन्नत कृषि प्रणाली के साथ प्रयोग करने से खेती में लागत कम तथा उपज में वृद्धि के साथ अधिक आय प्राप्त होती है। संस्थान ने शुष्क क्षेत्रों के लिए कम पानी में जल्दी पकने, अधिक पैदावार देने वाली मूंग, मोठ, ग्वार की विभिन्न किस्मों का वृहद स्तर पर बीजोत्पादन किया है।

कोरोना दिशा-निर्देशों की पालना करते हुए बीजों की पैकिंग का कार्य चल रहा है। किसानों को खरीफ ऋतु के लिए समय पर उन्नत बीज उपलब्ध करवाया जाएगा। कोरोना की वजह से गावों में श्रमशक्ति की उपलब्धतता बढ़ी है। स्थानीय स्तर पर कृषि कार्यो को बढावा मिलेगा तथा कृषि के क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

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विभागध्यक्ष डा.एसके सिंह ने बताया कि उच्च कोटि के बीज नई तकनीकियों के संवाहक का कार्य करते है। ज्ञान आधारित नवीन प्रौ़द्योगिकियों के आधार पर की गई कृषि लाभदायक होती है। प्रधान वैज्ञानिक डा. आरके कांकाणी ने बताया कि मूंग- एमएच-421, मूंग आईपीएम-205-7, मूंग-जीएएम-5, मोठ काजरी मोठ-2 ग्वार आरजीसी- 936, ग्वार-आरजीसी-1033, ग्वार- एचजी-563 किस्मों के बीज जून में संस्थान के कृषि तकनीकी सूचना केन्द्र पर उचित दर पर सुलभ होंगे।