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जोधपुर, जोधपुर विकास प्राधिकरण के पूर्व चेयरमैन राजेन्द्र सोलंकी को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो(एसीबी) से बड़ी राहत मिली है। एसीबी को प्रदेश में भाजपा शासन काल में सोलंकी के जिन विकास कार्यों में भ्रष्टाचार की बू आ रही थी अब उन्हीं मामलों को जन उपयोगी मानते हुए उन्हें क्लीन चिट प्रदान कर दी है। एसीबी ने कोर्ट में इन चारों मामलों में एफआर पेश कर दी है। इन चार में से दो मामलों में सेशन न्यायालय(भ्रष्टाचार निवारण प्रकरण) ने एफआर स्वीकार कर ली, जबकि दो मामलों की एफआर को इंतज़ार परिवादी रखा गया है। कांग्रेस के गत शासन के दौरान जेडीए चेयरमैन रहते हुए सोलंकी ने शहर में कई विकास कार्य करवाए थे। प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद वर्ष 2016 में भाजपा को इनमें भ्रष्टाचार नजर आया। इसके बाद का घटनाक्रम तेजी से घूमा और एसीबी ने सोलंकी सहित जेडीए के कई अधिकारियों के खिलाफ अलग-अलग चार मामले दर्ज किए। इनमें सोलंकी सहित अन्य अधिकारियों को गिरफ्तार भी किया गया। उनकी गिरफ्तारी को लेकर राजनीतिक स्तर पर काफी बवाल मचा। इसके बाद एक बार फिर प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में आ गई और गहलोत मुख्यमंत्री बने। गहलोत के कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण होने तक मामला दबा रहा। इस बीच 3 दिसम्बर को एसीबी ने कोर्ट में चारों मामलों में एफआर लगा कोर्ट में पेश कर दी।
कोर्ट ने चार में से दो मामलों में एफआर को स्वीकार कर लिया।जबकि सोलंकी से जुड़े एक मामले वअन्य अधिकारियों से जुड़े दूसरे मामले में एसीबी की एफआर को इंतजार परिवादी में डाल दिया। यानि कुछ दिन तक परिवादी का इंतजार किया जाता है। यदि उसकी तरफ से कोई विरोध नहीं किया जाता है तो इसे स्वीकार कर लिया जाता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि सोलंकी को राहत मिल पाती है या नहीं। इसका फैसला अगले कुछ दिन में होगा।

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