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बाल विवाह का दंश झेल रही लाडो को परित्यक्ता पेंशन की सौगात

बाल संरक्षण संकल्प यात्रा

जोधपुर,बालमन पर हिंसा से बच्चों के जीवन चक्र पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। बालश्रम जहां आगे बढने की संभावनाएं खत्म कर देता है, वहीं बाल विवाह कम उम्र की नासमझी और जिम्मेदारियों की बोझ से जीवन में ठहराव पैदा कर देता है। बच्चे नन्हे कोमल पौधे हैं माली बनकर उनको देखभाल करने की जरूरत है, जिससे वह शिक्षित होकर जीवन के पथ पर आगे बढते रहे।

जिले की बिलाड़ा पंचायत समिति अन्तर्गत राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय हरियाढाणा में राज्य सरकार की ओर से बाल अधिकारिता विभाग, यूनिसेफ एवं पीसीसीआरसीएस द्वारा चलाए जा रहे बाल संरक्षण संकल्प यात्रा दल की ओर से विद्यालय में आयोजित बाल शिविर में बच्चों को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कही।
इस अवसर पर प्रथम गरिमा बालिका सम्मान विजेता एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, टोंक की ब्राण्ड एम्बेसेडर सोना बैरवा, प्रधानाचार्य भंवरलाल चौधरी व सुरजीत सिंह ने बच्चों में बाल अधिकारों के लिए जोश भरते हुए कहा कि सभी को मिल-जुलकर आगे आने की आवश्यकता है।

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यूनिसेफ द्वारा तैयार हुए कार्यक्रम 

विद्यालय में यात्रा दल द्वारा बाल संरक्षण पर आधारित कई कार्यक्रम आयोजित किये गए। इसमें यूनिसेफ द्वारा मनोवैज्ञानिक विधि से तैयार किया गया 0 से 18 वर्ष की जीवन चक्र पर आधारित उजाला और अंधेरे का वर्गीकरण करते हुए साँप-सीढ़ी का खेल इन दिनों विद्यालयों में काफी लोकप्रिय हो रहा है।

पंचायत भवन में संगोष्ठी का आयोजन

यात्रा का ग्राम पंचायत हरियाढाणा पहुंचने पर सरपंच हंसराज भाटी, ग्राम विकास अधिकारी हनुमान राम चौधरी व अन्य पंचायत सदस्यों ने यात्रा दल का स्वागत किया। राजीव गांधी केन्द्र में हुई संगोष्ठी में यात्रा समन्वयक कैलाश सैनी ने ग्राम पंचायत को बाल स्नेही पंचायत बनाने की दिशा में कार्य करने एवं बच्चों के मुद्दों पर प्रति माह बैठक एवं उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए शिकायत पेटी पंचायत भवन मे लगाने के लिए सुझाव दिया, जिससे बच्चे अपनी समस्याएं पंचायत तक पहुंचा सकें।

लाडो को परित्यक्ता पेंशन की सौगात

ग्राम भ्रमण कार्यक्रम घर-घर दस्तक के समय बाल मित्रों को 22 सी की सरीपन बताती है कि उसकी शादी हतीम खान से पाली में कर दी गई थी। आये दिन ससुराल वाले दहेज के लिए मारपीट करते थे। जब दो माह की गर्भ से थी तो पति ने घर से निकाल दिया। पीहर में लड़क़ी नादिरा को जन्म दिया। ससुराल द्वारा कोई खोज-खबर नही ली जा रही है। बाल मित्रों द्वारा परित्यक्ता पेंशन के लिए सरपंच से समन्वय स्थापित कर आवेदन कराने की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई।

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