ई-रिक्शा चालक की लापरवाही से मां व दो बेटे रेलवे ट्रेक पर गिरे,एक बेटे की मौत

  • आरपीएफ ने महिला पर बनाया दबाव केस मत करो
  • अब केस दर्ज हुआ

जोधपुर,ई-रिक्शा चालक की लापरवाही से मां व दो बेटे रेलवे ट्रेक पर गिरे,एक बेटे की मौत। शहर के जोधपुर रेलवे स्टेशन पर एक ई रिक्शा चालक की लापरवाही से सवारी युवक की मौत हो गई। ट्रेक के पास मेें तेजी से ई रिक्शा को दौड़ाया गया जिससे रिक्शे में बैठी तीन सवारियां घायल हो गई,जिसमें युवक की 4 सितंबर को मौत हो गई।

यह भी पढ़ें – धर्म को सादगी सदाचार से नही जोड़ना आत्मछलना है-जिनेन्द्रमुनि

उसकी मां पर आरपीएफ ने दबाव बनाया और केस दर्ज कराने से मना कर दिया। महिला बेवा है और उसका पुत्र अविवाहित था। इस बारे में अब जीआरपीएफ में केस दर्ज हुआ है।

शिफत हुसैन कॉलोनी नागौरी गेट की शरीफन लोहार पत्नी स्व. मोहम्मद साबिर की तरफ से रिपोर्ट दी गई है। इसमें बताया कि वह अपने दो पुत्रों मोहम्मद साजिद हुसैन (26) व मोहम्मद वाजिद हुसैन (22 ) के साथ जोधपुर से गाँधीधाम (गुजरात) जाने के लिए 24 अगस्त को ट्रेन सफर करने के लिए करीब 08.30 बजे जोधपुर रेलवे स्टेशन पहुंची।

वहां पता लगा कि गाड़ी प्लेटफॉर्म संख्या 05 पर आएगी। परिवादी महिला का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण स्टेशन पर खड़ी गाड़ी ई-रिक्शा को करवा लिया ताकि ई-रिक्शा द्वारा प्लेटफॉर्म संख्या 05 पर आसानी से पहुंच सकें। ई-रिक्शा ड्राईवर ने प्लेटफॉर्म संख्या 05 पर छोडऩे के लिए 130 रुपए मांगे। रिपोर्ट में आरोप है कि ई-रिक्शा ड्राईवर द्वारा उक्त वाहन बहुत तेज गति से चलाया जा रहा था,उसी जबरदस्त तेज गति से साथ ड्राइवर वाहन को रेलवे ट्रैक (पटरी) पर गिरा दिया जिससे वाहन में मौजूद तीनों वाहन समेत पटरी पर जाकर जबरदस्त तरीके से गिर गए और गंभीर रुप से घायल हो गए। इसके बाद आरपीएफ द्वारा हमें इलाज के लिए महात्मा गाँधी अस्पताल में ले जाया गया।

उसके कुछ देर बाद हमें आरपीएफ द्वारा रेलवे अस्पताल में लेकर आ गए और वहां पर भर्ती कर लिया। 25 अगस्त को कहा गया कि घर जा सकते हो जबकि एक पुत्र साजिद की स्थिति बिल्कुल घर जाने जैसी नहीं थी,उन्हें कहा गया कि इलाज करवाना है तो मथुरादास माथुर चिकित्सालय में चले जाओ। बाद में उसके पुत्र को एमडीएम अस्पताल में भर्ती करवाया गया मगर 4 सितंबर को उसका निधन हो गया।

रिपोर्ट मेें बताया कि ड्राइवर व ई-रिक्शा ठेकेदार के साथ मिलीभगत करके रेलवे अस्पताल का स्टाफ आरपीएफ के कर्मचारी दबाव बनाया कि केस दर्ज मत कराओ। उसके दूसरे पुत्र वाजिद के पांव व रीड की हडड़ी में फैक्चर हो गया। ई-रिक्शा ड्राइवर नशे की हालत में था।आरपीएफ कर्मचारियों से कहा गया कि ड्राइवर का मेडिकल करवाया जाए। मगर उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई।