जोधपुर, आशा सहयोगिनियों ने सोमवार को विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। उनकी मांग सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की है। अपनी मांगों को लेकर उन्होंने आज पावटा से नई सड़क़ चौराहा तक रैली निकाली।
उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार की ओर से महिला एवं बाल विकास कल्याण विभाग में कार्यरत सिर्फ कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को ही सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया गया है जबकि इसी विभाग में आशा सहयोगिनियां भी कई वर्षों से कार्य कर रही हैं। केंद्रीय व राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं को आशा सहयोगिनियां घर-घर तक पहुंचा कर जन समुदाय व सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी का काम कर रही हैं। समय-समय पर स्वास्थ्य मंत्रालय दिल्ली से आशा के कार्य की जानकारी भी ली जाती है। एनएचएम प्रोग्राम (राष्ट्रीय हेल्थ मिशन) राष्ट्रीय प्रोग्राम है और आशा सहयोगिनियां इसके तहत कार्य कर मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर में कमी लाने और कुपोषण के शिकार बच्चों की देखभाल जैसे कार्य भी कर रही हैं। इन सभी कार्यों को अनदेखा करते हुए आशा के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। उनकी मांग है कि महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की तरह आशा सहयोगिनियों को भी पांच वर्ष की सेवा अवधि के बाद सरकारी कर्मचारी का दर्जा प्रदान हो, ताकि आशा सहयोगिनियां भी जन कल्याणकारी योजनाओं को हर घर तक पहुंचा सके।
