ज्योतिष समागम में देश के विभिन्न ज्योतिषियों ने लिया हिस्सा

  • खगोलीय घटनाओं,ग्रह-नक्षत्रों और ज्योतिष के रहस्यों पर चर्चा
  • गहन शोध, अध्ययन,अनुसंधान की आवश्यकता

जोधपुर,नक्षत्र लोक ज्योतिष विज्ञान संस्थान एवं भारतीय ज्योतिष एवं वैदिक खगोलशास्त्र संस्था के संयुक्त तत्वावधान में यहां ऋषि कुल आश्रम में सुप्रसिद्ध पंचांगकर्ता एवं राज ज्योतिषी पं.बाबूलाल जोशी (रतलाम) के 75वें जयन्ती वर्ष अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित दो दिवसीय ज्योतिष समागम सम्पन्न हो गया।

इसमें जोधपुर एवं राजस्थान सहित देश के विभिन्न हिस्सों से आए खगोलशास्त्रियों,ज्योतिषियों एवं मंत्र चिकित्सा विज्ञानियों ने हिस्सा लिया और अपने-अपने क्षेत्र से संबंधित विषयों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी तथा रहस्यों से अवगत कराया।

ज्योतिष समागम का शुभारंभ:- आध्यात्मिक चिन्तक, महामण्डलेश्वर स्वामी डॉ. शिवस्वरूपानंद सरस्वती ने दीप प्रज्वलन और पं. बाबूलाल जोशी की तस्वीर पर पुष्पहार पहना कर शुभारम्भ किया। ज्योतिष समागम में उपस्थित विद्वानों एवं विदुषियों को संबोधित करते हुए महामण्डलेश्वर स्वामी डॉ. शिव स्वरूपानंद सरस्वती ने ज्योतिष को जनकल्याणकारी शास्त्र बताते हुए कहा कि हजारों किलोमीटर दूर धरती पर बैठकर सितारों की भाषाओं को समझना और उनके द्वारा प्रकृति और व्यक्ति के साथ समष्टि में होने वाले घटनाक्रमों से जन सामान्य को अवगत कराना इसका कार्य है। उन्होंने कहा कि ज्योतिष में निरंतर गहन शोध और अनुसंधान की अपार संभावनाओं पर कार्य करने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति के ज्योतिर्विद दैवज्ञ पद्मभूषण पं. सूर्य नारायण व्यास के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए दूरदर्शन व आकाशवाणी के पूर्व महानिदेशक डॉ. राजशेखर व्यास ने कहा कि भारत की आजादी का मुहूर्त पं. सूर्यनारायण व्यास ने ही निकाला था। भारत-चीन युद्ध, इंदिरा गांधी की हत्या, लाल बहादुर शास्त्री के निधन जैसी अनेकों सटीक भविष्यवाणियां उन्होंने समय रहते की, जो पूर्णतः सत्य साबित हुई।
डॉ. राजशेखर ने कहा कि उनकी ज्योतिष पर इतनी गहरी पकड़ थी कि भारत और भारत से बाहर के लोग उनके संपर्क में उस समय थे। आज उसी प्रकार की प्रगाढ़ निष्ठा और प्रामाणिकता की आवश्यकता है और इसके लिए गहन चिंतनपरक काम होना चाहिए, जिससे ज्योतिष की वैज्ञानिकता पूर्ण रूप से प्रतिपादित हो।

ज्योतिष समागम में जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग ने ज्योतिष को जीवन और जगत का मंगलकारी माध्यम बताते हुए सटीक फल कथन में प्रामाणिकता लाने के लिए ज्योतिषियों से अपने अध्ययन पर बल देने का आग्रह किया।भुवनेश्वर उड़ीसा से आए सेवानिवृत्त आईएएस अरुण उपाध्याय ने वैदिक ज्योतिष और विज्ञान के संबंध के बारे में अपना उद्बोधन दिया।
पुणे महाराष्ट्र से आए विनायक बेडेकर ने ज्योतिष घड़ी के निर्माण के बारे में अपनी जानकारी देते हुए बताया कि हम ऐसी घड़ी का निर्माण कर रहे हैं जिसमें वैदिक तिथि,मास और संवत की जानकारी के साथ राष्ट्रीय तिथि, मास,संवत तथा दिनांक, महीना और सन की जानकारी मिलती रहेगी। इसके साथ ही घंटा, मिनट, सैकण्ड और घटी-पल की जानकारी भी इस घड़ी के द्वारा प्राप्त होगी। इसका डेमो भी उन्होंने सभी के सम्मुख प्रदर्शित किया।

सहारनपुर के महामंडलेश्वर कमल किशोर ने अर्क (आंकड़े) के पौंधे द्वारा शिव, गणेश और सूर्य के संबंध को बताते हुए उसके औषधीय गुणों तथा इसके माध्यम से ग्रह शान्ति के उपायों पर विस्तार से जानकारी दी। पं रमेश भोजराज द्विवेदी(जोधपुर) ने कहा कि वर्तमान में आर्थिक समस्याओं से उभरना आसान नहीं रहेगा, क्रिप्टो करेंसी जैसी करेंसी व्यापार में अपना स्थान बनाएगी। रुपए का डिजिटलाइजेशन होने के साथ ही डॉलर के मुकाबले रुपया अभी कमजोर ही रहेगा।

भविष्यवक्ता पंडित अनीश व्यास ने ज्योतिष एवं इससे जुड़े सभी क्षेत्रों में शत-प्रतिशत सत्य कथन व आशातीत सफलता के लिए ईष्ट कृपा को नितान्त अनिवार्य बताते हुए कहा कि इसके बिना फलित व जनसामान्य के कष्टों का निवारण संभव नहीं है।

11 विभूतियों को पं. बाबूलाल जोशी अमृत सम्मान

विशिष्ट सम्मान के रूप में राज ज्योतिषी पंडित बाबूलाल जोशी अमृत सम्मान से 11विद्वानों को सम्मानित किया गया। इनमें पं. हीरा लाल शास्त्री (जालोर),पं.ताराचंद शास्त्री (सवाईमाधोपुर),पं.सुरेश गौड़ (सुमेरपुर),पं.विश्व कुमार शर्मा (पठानकोट), पं.मणिकरण शर्मा (हिमाचल प्रदेश), पं.रमेश वायगांवकर एवं पं.सुनील शर्मा (ग्वालियर),डॉ. अनीश व्यास (जयपुर) तथा पं. रमेश भोजराज द्विवेदी, पं. किशन गिरि गोस्वामी, पं. नरपत दाधीच, (सभी जोधपुर) शामिल हैं।

121 विद्वान सम्मानित

कार्यक्रम में 121 विद्वानों को भी सम्मान पत्र प्रदान कर उनका अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम का संचालन जितेंद्र जालोरी ने और आभार प्रदर्शन आयोजक पं. अभिषेक जोशी ने किया।

निःशुल्क परामर्श एवं रोग निवारण शिविर

ज्योतिष समागम के अन्तर्गत निःशुल्क परामर्श एवं रोग निवारण शिविर में बड़़ी संख्या में लोग लाभान्वित हुए। इनमें डॉ. विजय पहाड़ीवाल(जयपुर), पं. राजेंद्र गौड़, विष्णुलाल शर्मा, डॉ. दीपक जोशी, योगेश दत्त ओझा, पं. निलेश शास्त्री, दिव्या पारीक, पं. सुरेश शर्मा (दिल्ली), अमित पाराशर (पठानकोट), ओंकार मिश्रा (इटावा) आदि ने अपनी निःशुल्क सेवाएं प्रदान कर जन सामान्य को लाभान्वित किया।

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