Doordrishti News Logo

कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती….

  • पिता के पदचिन्हों पर चढ़ी सफ़लता की सीढ़ियां
  • राजुल भट्ट बनी भारत सरकार की संयुक्त सचिव

जोधपुर, यूपीएससी की परीक्षा में सफलता पाना हर युवा का सपना होता है लेकिन सफलता उसी को मिलती है जिसमें जुनून होता है।

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

महाकवि सोहन लाल द्विवेदी की इन पंक्तियों को सार्थक किया है राजस्थान के पाली जिले की बेटी राजुल भट्ट ने।
यह एक ऐसे आईएएस अधिकारी की कहानी है जिसने सिर्फ सपना देखा ही नही उसे साकार भी कर दिखाया।
सफलता के इस चुनोतीपूर्ण सफ़र को दुनियां में परिभाषित किया राजुल भट्ट ने।

मूल रूप से पाली जिले के छोटे से गाँव केलवाद की रहने वाली राजुल भट्ट अपने स्कूली दिनों से ही पढ़ाई में बहुत तेज़ थी। एमडीएस युनिवर्सिटी अजमेर से ग्रेजुएशन व राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर से अर्थशास्त्र में मास्टर्स की डिग्री हासिल करने के बाद राजुल ने यूपीएससी की तैयारी में अपनी पूरी ताकत झोंक दी। राजुल को प्रेरणा मिली अपने पिता अमरचंद भट्ट से जो भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं।

किशोरावस्था से ही अधिकारी बनने का सपना देख रही राजुल ने अपनी पूरी लगन और कठिन परिश्रम से देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा यूपीएससी पहले ही प्रयास में उत्तीर्ण कर सफलता के झंडे गाड़ दिए। यहीं से एक समर्पित लोक सेवक के रूप में उनका सफर शुरू हुआ।तभी से भारत सरकार में विभिन्न पदों पर रहते हुए राजुल भट्ट को हाल ही में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, भारत सरकार में संयुक्त सचिव के पद पर प्रतिनियुक्ति से पद स्थापन किया है। इससे पूर्व भी कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग में डायरेक्टर के पद पर रह चुकी राजुल भट्ट वर्ष 2000 के इंडियन पोस्टल सर्विस की अधिकारी हैं। राजुल की माता प्रभा भट्ट कॉलेज शिक्षा विभाग के प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त हैं।

दूरदृष्टिन्यूज़ की एप्लिकेशन डाउनलोड करें-http://play.google.com/store/apps/details?id=com.digital.doordrishtinews