शहर के गुरूद्वारों में शबद कीर्तन जोरों पर
गुरू तेग बहादूर का 400वां प्रकाश पर्व
जोधपुर, शहर में गुरूवार को गुरु तेग बहादुर का 400 वां प्रकाश पर्व आज मनाया जा रहा है। गुरु तेग बहादुर गुरु नानक के सिद्धांतों का प्रचार करने के लिए जाने जाते है। जोधपुर में आज गुरुद्वारों को विशेष रूप से सजाया गया है। गुरुद्वारों में शबद कीर्तन चल रहा है। बड़ी संख्या में श्रद्धालू गुरुद्वारों में पहुंच रहे हैं। लोग श्रद्धा के साथ सिख धर्म के नौवें गुरु को याद कर रहे हैं।
गुरु तेग बहादुर प्रथम गुरु नानक द्वारा बताए गए मार्ग का अनुसरण करते रहे। उनके द्वारा रचित 115 पद्य गुरु ग्रन्थ साहिब में सम्मिलित हैं। उन्होने कश्मीरी पंडितों तथा अन्य हिन्दुओं को बलपूर्वक मुसलमान बनाने का विरोध किया। इस्लाम स्वीकार न करने पर 1675 में मुगल शासक औरंगज़ेब ने उन्हे इस्लाम स्वीकार करने को कहा। इस पर उन्होंने कहा कि सीस कटा सकते है केश नहीं। गुरुद्वारा शीश गंज साहिब तथा गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब उन स्थानों का स्मरण दिलाते हैं। जहां गुरुजी की हत्या की गई तथा जहां उनका अन्तिम संस्कार किया गया। विश्व इतिहास में धर्म एवं मानवीय मूल्यों, आदर्शों एवं सिद्धान्त की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वालों में गुरु तेग बहादुर साहब का स्थान अद्वितीय है।
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